चंडीगढ़/धरणी- लोहड़ी पर्व बेशक पंजाबी संस्कृति से जुड़ा हुआ पर्व माना जाता हो, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री Nayab Singh Saini हर वर्ग का सम्मान करने वाले व्यक्तित्व है यह उन्होंने एक ऐसा उदाहरण पेश करके साबित किया है, जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है। हरियाणा का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ अनेको मुख्यमंत्री आए और गए, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बड़ी मिसाल उस वक्त पेश की जब लोहड़ी का पावन पर्व मुख्यमंत्री निवास पर मनाया। यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री हरियाणा निवास पर लोहड़ी का पर्व मनाया गया हो। संत कबीर कुटीर में उन्होंने धर्मपत्नी- पुत्र -पुत्री यानि पूरे परिवार के साथ बड़ी खुशी और हर्षोल्लास से मनाया। पूरे प्रदेश में एक एकता का संदेश दिया है। उन्होंने प्रदेश वासियों को इस मौके पर संबोधित करते हुए सभी को लोहड़ी व मकर सक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पर्व हमारी संस्कृति और हमारी जड़ के मूल आधार होते हैं और ऐसे मौके पर हमें अपनी संस्कृति के साथ जुडऩे का अवसर मिलता है।
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Nayab Singh Saini ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में बहुत सी योजनाएं चलाई। हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हुई थी। हरियाणा सरकार ने इस अभियान को युद्ध स्तर पर लिया। जिसके कारण ही लिंगानुपात में लगातार सुधार हुआ और वह 816 से 920 तक पहुंच पाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार तेज गति से विकास की ओर बढ़ रही है। तीसरी बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है। लगातार हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशों पर प्रदेश व प्रदेश के हर वर्ग को मजबूत करने में लगी हुई है और आगे भी या क्रम लगातार जारी रहेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों को लोहड़ी व मकर संक्रांति की बधाई दी।
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बता दें कि आमतौर पर लोहड़ी मुख्यत पंजाब में मनाया जाने वाला पर्व है। लेकिन पूरे विश्व में यह पर्व जहां-जहां पंजाबी संस्कृति के लोग मौजूद है बड़ी धूमधाम से इस पर्व को मानते हैं। खास तौर पर नव विवाहित जोड़ों को अग्नि देव की परिक्रमा करवाए जाने की मान्यता है। जिस परिवार में नया-नया विवाह हुआ होता है उसे घर में ढोल की ताल पर अग्नि देव की परिक्रमा करके खुशियां मनाई जाती हैं। इस अवसर पर अग्नि देव से पुत्र की मन्नते भी मांगी जाती हैं। वैसे भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारे देश मे कृषि के क्षेत्र में सबसे अग्रणीय और उन्नत प्रदेश पंजाब माना जाता है और यह पर्व सामाजिक सोच के अनुसार बुवाई के मौसम के अंत और एक नए कृषि चक्रकी शुरुआत का भी प्रतीक है। कृषि से परे, यह त्योहार समुदायों को प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और समृद्धि और उर्वरता के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए एक साथ लाता है।