TCS को भरोसा, 40 हजार फ्रेशरों की होगी भर्ती- मिलिंद लक्कड़

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के वरिष्ठ प्रबंधन ने वर्ष 2025 में कारोबार बेहतर रहने का संकेत दिया है लेकिन वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही…

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के वरिष्ठ प्रबंधन ने वर्ष 2025 में कारोबार बेहतर रहने का संकेत दिया है लेकिन वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 5,000 से ज्यादा घट गई है। टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अ​धिकारी मिलिंद लक्कड़ ने ​शिवानी ​शिंदे के साथ कंपनी के कर्मचारियों की संख्या कम होने, एआई-प्रथम कंपनी बनने और जेनजेड कर्मियों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य अंश:
नतीजों के बाद संवाददाता सम्मेलन में आपने कहा था कि वृद्धि और कर्मचारियों की संख्या में गिरावट का कोई सीधा संबंध नहीं है। क्या यह मानना उचित होगा कि ऐसा एआई की वजह से हो रहा है?
किसी भी तिमाही में कर्मचारियों की संख्या में बदलाव और वृद्धि या मांग पैटर्न के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता है क्योंकि हम सालाना आधार पर नियुक्ति योजनाएं बनाते हैं। कर्मचारियों की शुद्ध संख्या वि​भिन्न कारकों पर निर्भर करती है जिनमें संबं​धित अव​धि में कुल नियुक्त किए गए कर्मचारियों की संख्या, उत्पादकता में सुधार, उपयोगिता और व्यापक कारोबारी माहौल शामिल हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यह कहना गलत होता कि अगर एक तिमाही में कर्मचारियों की संख्या कम होती है तो वृद्धि भी नरम होगी या कर्मचारी बढ़ने से वृद्धि में भी तेजी आएगी। इसके अलावा जब हम फ्रेशरों को नियुक्त करते हैं तो वे साल भर के दौरान कंपनी ज्वॉइन करते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हम कैंपस से 40,000 फ्रेशरों को नियुक्त करने का अपना लक्ष्य हासिल करेंगे।

TCS एआई-प्रथम कंपनी बनने की तैयारी के क्रम में क्या खास कर रही है? विशेष रूप से प्रतिभा की दृष्टि से?
हमने कई महीने पहले सह सफर शुरू किया था। इसकी शुरुआत इससे हुई कि टीसीएस में हर किसी को एआई की बुनियादी बातें पता होनी चाहिए। अब हमारा ध्यान ऐसा पिरामिड बनाने पर है जहां विभिन्न कौशल वाले लोग योगदान करते हैं और हम लगातार उन कौशल को विकसित कर रहे हैं। कुल मिलाकर हम चाहते हैं कि टीसीएस एआई-प्रथम संगठन बने। इसका मतलब है कि प्रतिभाओं की भर्ती, विकास और तैनाती में एआई को ध्यान में रखा जाएगा।
उदाहरण के लिए प्रतिभाओं की भर्ती के मामले में हमारा उद्देश्य सभी स्तर पर एआई को शामिल करना है। हमने एआई इंटरव्यू कोच बनाया है। यह टूल न केवल तकनीकी कुशलता का आकलन करता है ब​ल्कि व्यावहारिक कुशलता में सुधार पर भी ध्यान देता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

आप वि​भिन्न कौशल से लैस पिरामिड बनाना चाहते हैं। इस बारे में थोड़ा विस्तार से बताएंगे?
हमारे सभी लेवल ई0, ई1, ई2, ई3, ई4 आदि बने रहें मगर उनकी परिभाषाएं एआई युग के हिसाब से होंगी। उदाहरण के लिए ई0 से लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) और उनके ऐप्लिकेशन की बुनियादी समझ होने की उम्मीद की जाती है। ई1 लेवल के कर्मचारी एलएलएम एपीआई और इससे संबं​​धित विशेषज्ञता में काम करने में दक्ष होंगे। इसी तरह ई2 में टीसीएस जेनएआई टूल के उपयोग पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और ई3 तथा अन्य लेवल पर उन्नत एआई कुशलता वाले कर्मचारी होंगे। हम कुछ इसी तरह का एआई पिरामिड बना रहे हैं।

इस सफर में अभी आप कहां तक पहुंचे हैं?
हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन यह एक सतत प्रक्रिया है। टीसीएस में अभी हर कोई को एआई की बुनियादी समझ से वाकिफ है।

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