आरटीई की होगी समीक्षा, दूर की जाएंगी अनियमितताएं : Nitish

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री Nitish कुमार ने शिक्षा मंत्री एवं अधिकारियों को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) से जुड़े मुद्दों पर गौर करने का निर्देश दिया और आश्वासन देते हुए कहा कि आरटीई की समीक्षा के बाद अनियमितताओं को दूर किया जाएगा।

बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग मिल रहा : Nitish Kumar

Nitish ने मंगलवार को विधानसभा में भोजनावकाश से पहले की बैठक में आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के बच्चों के न्यूनतम या बिल्कुल भी प्रवेश नहीं होने के मुद्दे पर हंगामा कर रहे विपक्षी दल के सदस्यों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि सरकार आरटीई से जुड़े मुद्दों के प्रति गंभीर है।

Nitish ने कहा कि उनकी सरकार कमजोर वर्गों के लिए काम कर रही है। पूरे मामले की समीक्षा करने की घोषणा की गई है और समीक्षा के दौरान यदि कोई समस्या पाई जाती है तो सरकार उसका समाधान जरूर करेगी।

मुख्यमंत्री Nitish ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और संबंधित अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि वे आरटीई के तहत विभिन्न स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन से संबंधित पूरे मामले की जांच करें और आरटीई के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करें।

Nitish उनकी सरकार कमजोर वर्गों के लिए काम कर रही है

Nitish कुमार ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, “आप मेरे खिलाफ जितना बोलना चाहें बोल सकते हैं, मैं आपकी सराहना करूंगा लेकिन आपको कोई समस्या है तो आप लिखकर दें। हम कार्रवाई करेंगे।” Nitish ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे आराम से अपने स्थान पर बैठें और सबकी बात सुनें। इसके बाद विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर बैठ गए। बाद में विपक्षी सदस्यों ने सदन में मुख्यमंत्री को लिखित में स्थिति बताई।

इससे पहले शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सदस्य ललित यादव के प्रश्न का उत्तर देते हुए माना कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के छात्रों का प्रवेश कम है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में आरटीई के तहत 28355 छात्रों का नामांकन हुआ है।

मंत्री ने आरटीई के तहत जिन विद्यालयों में नामांकन न्यूनतम या शून्य है उनके विरुद्ध सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के संबंध में श्री यादव के पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि समीक्षा के दौरान पाया गया कि अधिकांश छात्र निजी और सरकारी दोनों विद्यालयों में प्रवेश लेते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए आधार सीडिंग प्रणाली शुरू की गई और सरकारी विद्यालयों में नामांकित 80 प्रतिशत छात्रों का आधार सीडिंग किया गया है।

मंत्री ने कहा कि निजी विद्यालयों के संघ को विभिन्न निजी विद्यालयों में योजना के तहत नामांकित 25 प्रतिशत छात्रों का आधार सीडिंग करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों ने ऐसा नहीं किया है, उनसे स्पष्टीकरण मांगने के लिए जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है और उसके आधार पर मामले की समीक्षा की जाएगी।

श्री यादव ने एक अन्य पूरक प्रश्न पूछा और कहा कि मंत्री ने अपने जवाब में माना है कि पटना के प्रसिद्ध डीपीएस एवं डीवाई पाटिल स्कूल में आरटीई के तहत एक सत्र में मात्र दो नामांकन हुए हैं तथा दूसरे सत्र में कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों का नामांकन शून्य है। उन्होंने सरकार से सदन को राज्य भर की स्थिति तथा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा। उन्होंने सरकार से राज्य भर में आरटीई के तहत हुए नामांकनों का विवरण भी सदन को उपलब्ध कराने की मांग की।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने शिक्षा मंत्री को श्री ललित यादव को सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। हालांकि मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट विपक्ष आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के नामांकन के मुद्दे पर शोर मचाने लगा। विपक्षी सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए और रिपोर्टर्स मेज को पीटने लगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखी तथा मेज उठाने एवं पलटने का प्रयास कर रहे विपक्षी सदस्यों को डांट भी लगाई। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को ऐसी गतिविधियों से दूर रहने को कहा, जिससे सदन में गलत परंपरा स्थापित हो।

कुछ उग्र सदस्यों के आचरण से नाराज सभाध्यक्ष ने कैमरामैन से कहा कि वे कल से मेज उठाने और पलटने की कोशिश करने वाले सदस्यों पर फोकस करें और उन्हें कार्रवाई के लिए सूची उपलब्ध कराएं। एक अन्य सदस्य पवन जायसवाल ने भी आरटीई के तहत नामांकन में अनियमितताओं से जुड़ा मुद्दा सदन में उठाया।

 

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