सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष, इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं : CM Yogi

महाकुंभ नगर । प्रयागराज दौरे पर CM Yogi ने शनिवार को अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने एक बार फिर महाकुंभ को एकता का संदेश देने वाला देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बताया और सनातन धर्म को विराट वट वृक्ष की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष है। इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए।
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर अन्य संप्रदाय हो सकते हैं, उपासना विधि हो सकती है, लेकिन धर्म तो एक ही है और वह है सनातन धर्म। यही मानव धर्म है। भारत में जितनी भी उपासना विधियां हैं, वह अलग पंथ और संप्रदाय से भले ही जुड़ी हों, लेकिन निष्ठा और आस्था सबकी सनातन धर्म से जुड़ी हुई है। सबका उद्देश्य तो एक ही है। इसलिए महाकुंभ के इस पावन आयोजन पर हम सबको पूरी दुनिया से आए लोगों को एक ही संदेश देना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री जी का कहना है कि महाकुंभ का संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा देश।

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CM Yogi भारत सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित

 

CM Yogi ने कहा कि याद रखना, भारत सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित हैं। भारत सुरक्षित है तो हर पंथ, हर संप्रदाय सुरक्षित है और अगर भारत के ऊपर कोई संकट आएगा तो सनातन धर्म पर संकट आएगा। सनातन धर्म पर संकट आएगा तो भारत के अंदर कोई भी पंथ और संप्रदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा। वह संकट सबके ऊपर आएगा, इसलिए संकट की नौबत आने न पाए, इसके लिए एकता का संदेश आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि इस महाकुंभ के आयोजन से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। जब पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दिन कोटि-कोटि श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती की पावन त्रिवेणी के संगम पर डुबकी लगाकर अभिभूत हो रहे थे, तब उनके जो पॉजिटिव कमेंट्स थे, उसने पूरी दुनिया की आंखों को खोलने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कहते हैं कि यह सदी भारत की सदी है, भारत की सदी का मतलब हर एक क्षेत्र में भारत को विकास की बुलंदियों को छूना है। लेकिन हर एक क्षेत्र में देश उन बुलंदियों को तब छुएगा जब उस क्षेत्र से जुड़े हुए प्रतिनिधि अपने दायित्वों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करेंगे। जो राजनीति में हैं, वह राजनीति के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, सीमा पर सेना देश की रक्षा का काम कर रही है और धार्मिक जगत से जुड़े हुए हमारे पूज्य संत भी अपना दायित्व निभा रहे हैं।

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