Haryana ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में देश का पहला संविधान संग्रहालय, जो 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा को दर्शाता है, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को खोला। इस संग्रहालय में आकर्षक और इंटरेक्टिव प्रदर्शनी के साथ, संविधान के मूल हस्तलिखित दस्तावेज़ और उससे प्रेरित कलाकृतियों का संग्रह है।
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संस्थापक कुलपति प्रो. सी राजकुमार ने बताया कि यह संविधान संग्रहालय राष्ट्र को समर्पित है, ताकि भारत के युवाओं को संविधान को ज्ञान के प्रकाश स्तंभ के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके, जो हमारे देश के भविष्य को दिशा देता है। इस संग्रहालय में 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा को प्रदर्शित करने वाली आकर्षक और इंटरेक्टिव प्रदर्शनियां हैं।
Haryana यह संग्रहालय संविधान के हर भाग और उसकी प्रासंगिकता को समझाने का प्रमुख केंद्र होगा।
यह संग्रहालय टेक्स्ट, आडियो-विज़ुअल, अनुभवात्मक प्रारूप, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, एआई आधारित इंटरेक्टिव, थ्रीडी इंस्टालेशन्स और प्रगतिशील प्रदर्शनों से सुसज्जित होगा।
साथ ही इसमें प्रदर्शित कला, संविधान के मूल हस्तलिखित दस्तावेज़ और उससे प्रेरित कलाकृतियों को शामिल किया गया है। प्रमुख आकर्षणों में व्ही, द पीपल ऑफ इंडिया, इंसाफ की देवी, और त्रायड ऑफ यूनिटी जैसी मूर्तियां हैं,
जो भारतीय संविधान के मूल्यों को दर्शाती हैं। इस संस्थान के निर्माण में करीब 600 लोग जुड़े हैं, जिनमें क्यूरेटर, कलाकार और मूर्तिकार शामिल हैं।
संविधान संग्रहालय और अधिकार एवं स्वतंत्रता अकादमी का समर्पण समारोह 26 नवंबर को होगा। इसी दिन संविधान दिवस व्याख्यान प्रोफेसर गोपालकृष्ण गांधी, पूर्व राजदूत और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल द्वारा दिया जाएगा।
दिसंबर में यह संग्रहालय आम लोगों के लिए नि:शुल्क खोला जाएगा। इसे अमेरिका में बने संविधान संग्रहालय की तर्ज पर बनाया गया और टूरिज्म मंत्रालय के माध्यम से देश में घूमने आने वाले विदेश के लोगों को इसका अवलोकन करवाने की प्लानिंग है।
Haryana संविधान और उसके महत्व को समझाने के लिए पहले स्कूलों में नागरिक शास्त्र पढ़ाया जाता था
, जो अब नहीं है। संविधान केवल वकीलों और न्यायाधीशों के लिए नहीं, बल्कि यह हर आम नागरिक के लिए है। हर व्यक्ति को हमारे इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और संविधान की रचना की प्रक्रिया को जानना चाहिए। तीसरा उद्देश्य संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि देना और उन्हें याद करना है।
Haryana उन्होंने कहा कि हम बीआर अंबेडकर, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू और मौलाना आजाद जैसे कुछ नामों को जानते हैं, लेकिन संविधान सभा में 300 और अद्वितीय व्यक्ति थे। इन सभी के स्टेच्यू और इनके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
He has 18 years of experience in journalism. Currently he is the Editor in Chief of Samar India Media Group. He lives in Amroha, Uttar Pradesh. For contact samarindia22@gmail.com