Tata इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में ऐपल इंक के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली प्रमुख कंपनी बन गई है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ऐपल इंक की जरूरतों को पूरा करने के लिए तीन मोर्चों – उत्पादन में व्यापक इजाफा, निर्यात और वर्ष 2024 में प्रत्यक्ष रोजगार बढ़ाने पर जोरशोर से काम किया है। वर्ष 2024 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने आईफोन असेंबली के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया। 2024 में उसके कर्मचारियों की संख्या 63 फीसदी बढ़कर 31,000 हो गई जो इससे पिछले साल 19,000 थी। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तिमाही आंकड़ों के अनुसार प्रत्यक्ष रोजगार सृजन के लिहाज से आईफोन का यह कारखाना देश का दूसरा सबसे बड़ा संयंत्र बन गया है।
ऐपल आईफोन ईकोसिस्टम में वर्ष 2024 के दौरान कुल 1,85,000 कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला था जिनमें आईफोन के इस कारखाने की हिस्सेदारी 17 फीसदी रही। ऐपल ईकोसिस्टम में असेंबल करने वाली कंपनियां और कलपुर्जा बनाने वाली इकाइयां भी शामिल हैं। कर्मचारियों के लिहाज से सबसे बड़ा कारखाना भी आईफोन बनाने वाली एक अन्य कंपनी फॉक्सकॉन की है। तमिलनाडु के इस कारखाने में 42,000 कामगार काम करते हैं।
Tata इलेक्ट्रॉनिक्स ने विस्ट्रॉन से 12.5 करोड़ डॉलर में कर्नाटक स्थित आईफोन के कारखाने का अअधिग्रहण किया था। इसके बाद से टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने कारखाने में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की भर्ती की और आईफोन उत्पादन क्षमता में भी व्यापक इजाफा किया।
सरकार के तिमाही आंकड़ों के अनुसार जनवरी-दिसंबर 2024 के 12 महीनों के दौरान इस कारखाने से 40,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का उत्पादन किया गया जो 2023 के 14,300 करोड़ रुपये के आईफोन उत्पादन से 180 फीसदी अधिक है। इसके परिणामस्वरूप 2024 में ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली सभी कंपनियों के कुल उत्पादन में टाटा के कारखाने की हिस्सेदारी 26 फीसदी हो गई। इस कारखाने में बनने वाले कुल आईफोन में से 77 फीसदी का निर्यात किया गया। ऐसे में टाटा के कारखाने से 2024 में 31,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया गया, जो 2023 के 13,751 करोड़ रुपये से 125 फीसदी अधिक है। 2024 में देश से आईफोन के कुल निर्यात में इस कारखाने का योगदान 29 फीसदी रहा।