सरसौता तीर्थ स्थल की देखरेख कर रहे बाबा लक्कड़ गिरी का हुआ निधन-
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान। नगर के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल सरसोता मंदिर की देखभाल कर रहे महंत की संदिग्ध परिस्तिथियों में जल जाने से उपचार के दौरान जिला चिकित्सालय में मौत हो गई।
Whatsapp Group join |
Please Join Whatsapp Channel |
Please Join Telegram channel |
सरसौता तीर्थ स्थल नगर के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल की कई सालों से देख-रेख कर रहे बाबा जिन्हें महंत लक्कड़ गिरी पुत्र मुन्नालाल निवासी ग्राम महमूदपुर उधा 2 मई को संदिग्ध परिस्थितियों में जल जाने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें ग्रामीण एंबुलेंस संख्या यूपी 32/B.J-9532 सीएचसी लाया गया।
सरसौता तीर्थ स्थल के बारे में जाने
जहाँ हालत ज़्यादा गम्भीर होने चिकित्सक ने महंत को ज़िला चिकित्सालय रेफ़र कर दिया
उपचार के बाद थोड़ा स्वस्थ होने पर महंत को ग्रामीण सरसोता मंदिर पर ले आए जहां उनका घरेलू उपचार चलता रहा परंतु बुधवार की शाम महंत की हालत ज्यादा खराब होने पर पुणे उन्हें ग्रामीण एंबुलेंस वाहन यूपी 32-B.J/9560 से पुनःसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे परंतु। चिकित्सक ने उनकी हालत को नाजुक देखकर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान महंत लक्कड़ गिरी की मृत्यु हो गई।
सिविल लाइन बदायूं पुलिस ने महंत लक्कड़ गिरी बाबा की शव को सील करके पोस्टमार्टम हेतु पोस्टमार्टम हाउस भेजा है।
जहां उनका पोस्टमार्टम किया गया सरसोंता कमेटी के प्रबंधक तहसीलदार शर्मानंद ने बताया कि सरसोता तीर्थ स्थल कि कई वर्षों से देखभाल कर रहे बाबा लकड़ गिरी व व उनके शिष्य गौतम के मध्य कोई विवाद हो गया था। जिसके कारण बाबा लक्कड़ गिरी आग के धूने गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें उपचार वास्ते सहसवान सीएचसी से जिला चिकित्सालय ले जाया गया उपचार के दौरान महंत की मृत्यु हो गई पर नशा करने के बाद आपस में झगड़ने लगे।
सरसोता तीर्थ स्थल की देखभाल कर रहे बाबा लक्कड़ गिरी की धमक के चलते
सरसौता तीर्थ स्थल में वर्षों से असामाजिक तत्व के तीर्थ स्थल पर अकारण भ्रमण करने पर रोक लग गई थी असामाजिक तत्व मंदिर के इर्द-गिर्द जाने पर भी बाबा लक्कड़ गिरी से दहशत खाते थे। बाबा लक्कड़ गिरी के खौफ एवं दहशत के चलते बीते कई वर्षों से ऐतिहासिक तीर्थ स्थल सर सोता पर कोई अपराध नहीं हुआ था जबकि बाबा लक्कड़ गिरी के मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की बागडोर संभालने से पूर्व तीर्थ स्थल पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा तो लगा ही रहता यदा-कदा अपराध भी होते रहते थेI उनके निधन की खबर सुनकर भारी तादाद में परिजन एवं शुभचिंतक उनके आवास पर पहुंचे तथा शोक संवेदना प्रकट कीI