हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को शुक्रवार (12 मई) को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली. अल-कादिर ट्रस्ट केस में हाई कोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह के लिए जमानत दी है. सुनवाई कोर्ट रूम नंबर 3 में की गई.
सुनवाई के पहले पुलिस लाइन्स में मौजूद थे इमरान खान
वहीँ दूसरी ओर कोर्ट में सुनवाई के दौरान PTI के समर्थकों ने खूब हंगामा किया. इमरान खान की केस की सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच मौजूद थी. इमरान खान सुनवाई के पहले पुलिस लाइन्स में मौजूद थे. उन्हें भारी सुरक्षा के बीच इस्लामाबाद कोर्ट पहुंचाया गया था. इस दौरान इमरान खान के समर्थकों ने इस्लामाबाद के श्रीनगर हाईवे को बंद कर दिया था. पुलिस ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था.
Whatsapp Group join |
Please Join Whatsapp Channel |
Please Join Telegram channel |
इमरान खान को मिला था गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहा करने का आदेश
इसे पहले इमरान खान को मंगलवार (9 मई) को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से पाक रेंजर्स की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया थी, जिसके बाद PTI कार्यकर्ताओं ने देश के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी की थी. इसके बाद कल गुरुवार 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहा करने का आदेश दिया था. वहीं रिहा वाले आदेश पर पीएम शहबाज शरीफ के मंत्रियों ने नाराजगी जताई थी.
ये भी पढ़े – सचिवालय
पाकिस्तान जल रहा है वैसे ही कल आपका घर जलेगा : मरियम औरंगजेब
इतना ही नहीं पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने सुप्रीम कोर्ट के जज को यहां तक दिया कि जैसे आज पाकिस्तान जल रहा है वैसे ही कल आपका घर जलेगा. इसके अलावा PML-N की नेता मरियम नवाज शरीफ ने भी सुप्रीम कोर्ट के इमरान खान के रिहा वाले फैसले पर कहा था कि आपने एक क्रिमिनल को रिहा करने का आदेश दिया है.
पीएम शहबाज शरीफ कैबिनेट की मीटिंग कर रहे थें
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मामले की जब सुनवाई चल रही थी, उसी वक्त मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ कैबिनेट की मीटिंग कर रहे थें. आज शुक्रवार (12 मई) को कोर्ट ने ये ऐलान किया कि तोशखाना केस मामले में निचली अदालत में जो भी सुनवाई होगी, उस पर अगले आदेश तक रोक लगाने का फैसला लिया. इमरान खान के ऊपर पहले से ही सैकड़ों केस चल रहे है, जिसकी वजह से सरकार उन्हें किसी-न-किसी मामले में गिरफ्तार करना चाहती है.