नयी दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Shivraj सिंह चौहान ने रविवार को समग्र कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में साप्ताहिक समीक्षा बैठक की।
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Shivraj के कार्यालय में आयोजित की गयी इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की कटाई, बुआई, उपार्जन आदि की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही उपज के थोक और खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विभिन्न उपज की पैदावार अच्छी होने की संभावना के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को किसानों को लाभ और फसलों की पूरी खरीद की व्यवस्था बनाने की निर्देश दिए ।
बैठक में बताया गया कि ग्रीष्मकालीन बुवाई के मौसम के लिए नौ अप्रैल तक धान की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में 4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.98 लाख हेक्टेयर हो गई है। मूंग के रकबे में 1.65 लाख हेक्टेयर और उड़द के रकबे में 0.61 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। गेहूं के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार में कटाई की स्थिति बेहतर है।
सभी राज्यों में फसल लगभग परिपक्वता चरण को पार कर चुकी है। चार अप्रैल तक की स्थिति के अनुसार, पिछले वर्ष इसी अवधि में ग्रीष्मकालीन फसलों के अंतर्गत बोए गए 52.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 60.22 लाख हेक्टेयर है। इसमें से इस वर्ष चावल के अंतर्गत बोया गया क्षेत्र पिछले वर्ष बोए गए 27.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में 31.98 लाख हेक्टेयर है और इसमें 4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
Shivraj बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
Shivraj ने फसल कटाई के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली, जिसके अनुसार चार अप्रैल तक पूरे देश में रबी की बुआई क्षेत्र के 58.71 प्रतिशत हिस्से की कटाई की जा चुकी है। रबी फसल 2024-25 के तहत दलहनों का लगभग उड़द 94 प्रतिशत, कुलथी 90 प्रतिशत, मूंग 89 प्रतिशत कटाई हो चुकी है।
श्री अन्न एवं मोटे अनाजों का 69.40 प्रतिशत क्षेत्र में कटाई हो गयी है।ज्वार 95 प्रतिशत और तिलहन 87.02 प्रतिशत कट गया है।
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को खाद-बीज आदि आदानों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाना चाहिए। बैठक में सभी उर्वरक की स्थिति पर्याप्त बताई गई।