Sahaswan news :- वनदरोगा की कार डिग्गी में संदिग्ध परिस्थितियों में मिले सियार के शब से मचा हड़कंप,

वनदरोगा की कार डिग्गी में संदिग्ध परिस्थितियों में मिले सियार के शब से मचा हड़कंप, वन क्षेत्र कार्यालय परिसर में अफरा तफरी का माहौल,

मौके पर पहुंचे डीएफओ, डिग्गी में मिले शव की जांच के लिए डीएफ ओ ने सीवीओ को लिखा पत्र, तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने शब का किया पोस्टमार्टम, शब को परिसर में ही दफनाया,

डीएफओ ने घटना को साजिश बताया , मामले की जांच के लिए टीम गठित,

जो भी दोषी होगा बखसा नहीं जाएगा,

(सहसवान से समर इंडिया के लिए एसपी सैनी की रिपोर्ट)

सहसवान( बदायूँ) सहसवान बबराला राज्य मार्ग के मध्य स्थित सामाजिक वानिकी क्षेत्र कार्यालय परिसर मैं पशु प्रेमी संजीव शर्मा अपनी टीम के साथ तड़के सुबह 5:00 बजे के लगभग पहुंचे जहां उन्होंने वन क्षेत्र अधिकारी अशोक कुमार त्यागी से कहा वन दरोगा विजय सिंह की गाड़ी की डिग्गी में जंगली पशु का शब रखा हुआ है जिस पर तत्काल बन दरोगा ने गाड़ी की डिग्गी खोल दी तो देखा उसमें एक कट्टे में जंगली सियार का शब कई टुकड़ों में रखा हुआ है जिस पर वन क्षेत्र अधिकारी तथा दरोगा हत प्रभव रह गए पशु प्रेमी संजीव शर्मा ने मामले की जानकारी तत्काल जिला स्तरीय अधिकारियों को दी जिस पर मौके पर डीएफओ प्रदीप वर्मा तथा फॉरेंसिक टीम के ऑल अफसर ब सहसवान पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने शव गाड़ी की डिग्गी से बाहर निकाल लिया तथा देखा कि उसके चारों पर कटे हुए हैं तथा उसके शरीर में गोली लगी है और गर्दन भी कटी हुई है।

मौके पर पहुंचे डीएफओ प्रदीप वर्मा ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर समदर्शी सरोज को पत्र लिखकर मृतक सियार के शव का पोस्टमार्टम पैनल टीम द्वारा कराए जाने को कहा जिस पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने तीन सदस्य चिकित्सकों की टीम जिसमें उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहसवान डॉक्टर कर्मवीर राज सिंह पशु चिकित्सा अधिकारी दहगवां डॉक्टर विजय कुमार राठौर तथा डॉक्टर विवेक माहेश्वरी पशु चिकित्सा अधिकारी उझानी का पैनल गठित करते हुए निर्देश दिए कि वह मौके पर पहुंचकर मृतक जंगली पशु सियार के शव का पोस्टमार्टम करें जिस पर मौके पर पहुंचे चिकित्सकों की टीम ने वीडियोग्राफी करते हुए मृतक पशु सियार के शव का पोस्टमार्टम किया तथा जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में डीएफओ बदायूँ को सोमवार को भेजना बताया।

वनदरोंगा की कार में संदिग्ध परिस्थितियों में कार की डिग्गी में एक कट्टे में मिले जंगली सियार के छत विछत परिस्थितियों में मिले शब को देखकर वन कर्मियों के होश उड़ गए।

मौके पर पहुंचे डीएफओ प्रदीप बर्मा ने घटना को एक साजिश बताया उन्होंने बताया की सियार का मांस खाने योग्य नहीं होता उसके असथ पिंजर भी किसी काम नहीं आते हैं यह घटना संदिग्ध है इसमें किसी की साजिश हो सकती है उन्होंने कहा कि वह इस मामले की एक टीम के माध्यम से जांच कराएंगे जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी डीएफओ ने कहा सामाजिक वानिकी कार्यालय परिसर असुरक्षित है अगर इसमें सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो साजिश करता घटना को अंजाम नहीं दे पाते उन्होंने कहा कि वह शीघ्र कार्यालय परिसर को सीसीटीवी कैमरे से लैस करा देंगे जिससे परिसर की चाकचौबंद सुरक्षा हो सके।

वन क्षेत्र अधिकारी अशोक कुमार त्यागी ने कहा की घटना एक साजिश के तहत है उन्होंने कहा की पशु प्रेमी संजीव शर्मा ने तड़के सुबह 5:00 के लगभग उन्हें उठाया तथा कहा कि आपका दरोगा विजय कुमार की गाड़ी में किसी जंगली पशु का शव शिकार किया हुआ रखा हुआ है उन्होंने जब मौके पर जाकर देखा तो पशु प्रेमी संजीव शर्मा की बात सही निकली उन्होंने कहा की पशु प्रेमी संजीव शर्मा ने यह तो कहा कि उन्हें फोन से जानकारी मिली थी की सामाजिक बांनिकी कार्यालय पर जंगली पशु का शिकार करके लाया गया है परंतु उन्होंने उसे व्यक्ति का नाम बताने से इनकार कर दिया पशु क्षेत्र अधिकारी ने खुले साफ शब्दों में कहा कि इस घटना में उनके ही विभाग के एक कर्मचारी की भूमिका भी संदिग्ध है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार

पशु प्रेमी संजीव शर्मा ने डीएफओ को बताया कि वनदरोगा विजय सिंह अपनी गाड़ी से जंगल से शिकार करके सियार का लाए हैं जो जो इसे किसी तांत्रिक के यहां तांत्रिक पूजा में बेचने के लिए जा रहे थे अगर पशु प्रेमी संजीव शर्मा की बात मान भी ली जाए तो वनदरोंगा विजय सिंह ने अपने ही एक विभाग के कर्मचारियों से 2012 मॉडल स्विफ्ट डिजाइर कार संख्या यूपी 24 कियू 9735 कुछ दिन पूर्व भी खरीदी थी गाड़ी के लॉक खराब थे घटनास्थल पर मिले साक्ष के अनुसार गाड़ी जिस स्थान पर खड़ी की गई थी उसी स्थान पर गाड़ी खड़ी थी क्योंकि रात्रि में रिमझिम रिमझिम बारिश होती रही और गाड़ी के नीचे जो रेत मिट्टी पड़ी थी वह सुखी थी जबकि गाड़ी के चारों ओर पानी की बौछारें जमीन पर पड़ी थी जिसे भूमि गीली थी इससे यह प्रतीत होता है की गाड़ी जिस स्थान पर खड़ी की गई थी इस स्थान पर थी रात में इसका प्रयोग नहीं किया गया सूत्रों का कहना है की रात के समय घटना को अंजाम देने से पहले विभागीय कर्मचारियों द्वारा रैकी की गई इसके उपरांत सन्नाटा होने पर प्लास्टिक के कट्टे में बाहर से लाकर सियार केशव को गाड़ी की डिग्गी खोलकर रखा गया था अगर यह मन भी लिया जाए की वन दरोगा विजय कुमार सियार का शिकार करने अपनी गाड़ी से गए थे तो जानकार सूत्रों का कहना है की सियार के मांस को इसलिए नहीं खाया जा सकता कि इसमें रेबीज अत्यधिक मात्रा में होता है तथा इसके अस्त पिंजर को भी किसी प्रयोग में लाया नहीं जा सकता यही दावा पशु चिकित्सा के क्षेत्र में जुड़े कई चिकित्सकों ने भी किया है।

वारहाल, सामाजिक वानिकी क्षेत्र कार्यालय परिसर मैं जिस साजिश करता ने घटना को अंजाम दिया है उसने घटना को अंजाम देने से पहले रैकी अवश्य की है अगर उसने रैकी नहीं की होती तो शायद घटना को अंजाम देने से पहले उसने उसके परिणाम को भी सोचा होता बरहाल घटना से सामाजिक बानिकि क्षेत्र के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

Leave a Comment