चंडीगढ़: Punjab government जल्द ही रणजीत सागर झील में जल-बस चलाएगी। इस संबंध में प्रक्रिया शुरू हो गयी है। हाल ही में मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें पर्यटन, परिवहन और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसी बैठक के दौरान जल-बस चलाने को हरी झंडी दी गयी। इसके बाद पर्यटन विभाग ने हरिके में खड़ी जल-बस की जांच करवायी। परिवहन विभाग ने इसकी मरम्मत आदि कर फिटनेस की मौखिक मंजूरी दे दी है। रणजीत सागर झील में इस जल-बस के संचालन से पहले वन विभाग से भी राय ली जा रही है।
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गौर हो कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने जनवरी 2015 में बठिंडा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में घोषणा की थी कि Punjab government पानी में बसें चलाएगी। उस वक्त विपक्ष ने इस घोषणा का मजाक उड़ाया था। तत्कालीन सरकार ने 2016 में कृष्णा इंटरप्राइजेज से 4.50 करोड़ की लागत से जल-बस खरीदी थी। राज्य के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग ने दिसंबर 2016 में हरिके वेटलैंड में यह बस चलाने की शुरुआत की थी और सुखबीर सिंह बादल ने इसका उद्घाटन किया था। बताया जा रहा है कि यह कुल नौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट था। उस समय बिना व्यवहार्यता देखे जल-बस शुरू कर दी गयी थी। यह बस महज दस दिन तक चल सकी और 6600 रुपये की कमाई हुई थी। इसके बाद इसे हरिके में ही लॉक कर दिया गया। जल- बस में 32 पर्यटक बैठ सकते थे और टिकट की कीमत 800 रुपये थी। कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने 3 फरवरी 2019 को घोषणा की थी कि इस जल-बस की नीलामी की जाएगी और इसकी जगह हरिके में कश्मीर की तर्ज पर शिकारे चलाए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, ताले में बंद बस कई साल से जंग खा रही है। मौजूदा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को नये सिरे
से शुरू करने जा रही है। अब इसे रणजीत सागर झील में चलाने का निर्णय लिया गया है। पंजाब सरकार रणजीत सागर झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है।