Manipur पर विपक्ष कर रहा है राजनीति

नयी दिल्ली: Manipur के बजट और लेखानुदान और विनियोग विधेयकों पर राज्य सभा में सोमवार को हुई चर्चा मणिपुर की स्थिति पर केंद्रित हो गयी जिसमें विपक्ष ने सरकार पर राज्य में शांति कायम करने में विफल रहने का आरोप लगाया जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि विपक्ष पर राज्य की संवेदनशील स्थिति पर राजनीति करता आ रहा है।

Manipur के बजट उससे संबंधित लेखानुदान एवं विनियोग विधेयक तथा केंद्र सरकार के बजट के संबंध में विनियोग विधेयकों पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मणिपुर के बजट पत्रों को देख लें तो मणिपुर जैसे छोटे से राज्य में वर्ष 2024-25 के संशोधित बजट में राजस्व प्राप्तियां में संशोधित बजट की तुलना में बड़ी गिरावट दिखती है।

उन्होंने कहा इससे साबित होता है कि Manipur की स्थिति से लोगों को कितनी दिक्कतें हैं और कारोबार कितना अधिक प्रभावित है। इससे पहले वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने विनियोग विधेयक 2025, विनियोग (संख्या दो) विधेयक 2025, मणिपुर विनियोग (लेखानुदान) विधेयक 2025, मणिपुर विनियोग विधेयक 2025, तथा मणिपुर बजट 2025-26 संबंधी प्रस्तावों को चर्चा कर लौटाने का प्रस्ताव पेश किया।

कांग्रेस सदस्य ने कहा कि Manipur के मामले में हमें देश हित में राजनीतिक स्वार्थ को अलग रखना होगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में सैकड़ों लोगों की जानें गयी जिसमें महिलाएं और बेटियां भी शामिल थीं पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया।

उन्होंने Manipur के बजट में हिंसा से प्रभावित इलाकों में आश्रय, मकान और राहत के लिए बजट के प्रावधानों को कम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर का बजट का 61 प्रतिशत हिस्सा राजस्व खर्च में चला जाता है जिनसे कोई सम्पत्ति नहीं बनती, केवल 39 प्रतिशत पूंजीगत मदों पर खर्च हो रहा है।

भाजपा के अजीत माधव राव गोपछड़े ने कहा कि मणिपुर के बारे में विपक्ष वास्तविकता के विपरीत बातें बता रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर स्वर्णभूमि है, देव भूमि है। इस सरकार ने मणिपुर के विकास के लिए तमाम काम किए हैं। राज्य को राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय दिया है, इम्फाल में आईआईटी दिया गया है तथा अवसंरचाना विकास में तेजी लायी गयी है।

राज्य के वहां के खिलाड़ी देश विदेश में नाम कमा रहे हैं। राज्य के बजट में काफी वृद्धि की गयी है और नए नवोदय विद्यालय दिए गए हैं। मणिपुर की स्थिति को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर योजना में मणिपुर का पर्याप्त ध्यान रखती है। मणिपुर पर प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान था, है और रहेगा।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि इस सरकार ने मणिपुर के दो समुदायों को बांटने का कार्य किया है। एकता की बात करने के बजाय आप आप धर्म की बात, जाति और समुदाय की बात करते हैं । बजट के आवंटनों से मणिपुर में शांति नहीं आएगी, वहां के लोगों में यह भाव पैदा करना चाहिए कि वे पराए नहीं भारत के अपने हैं। वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना भारतीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने पश्चिम बंगाल के साथ आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया । उन्होंने केंद्र पर उपकर न लगाने के वित्त आयोग की सिफारिशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे राज्यों के साथ बांटे जाने वाले संसाधनों का हिस्सा कम होता है।

उन्होंने कहा कि Manipur जल रहा है। राज्य को 500 करोड़ रुपये आपातकालिक कोष को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि इंटरनेट ठप करने, राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम किए जाने से मणिपुर को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। हम इस बजट से मणिपुर के लोगों को यह संदेश देने में विफल रहे हैं कि पूरा देश उनके साथ है।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि देश में अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ गयी है। मोदी सरकार मणिपुर को भूल गयी है। मणिपुर हिंसा के मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए। राज्य में 300 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों घर नष्ट किये गये हैं। साठ हजार लोग बेघर हुए हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कल्याणकारी योजनाओं में Manipur के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में लोगों के लिए मकान बनाने का प्रावधान किया। मणिपुर में लोकतंत्र बहाल किया जाना चाहिए।

कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि श्री सिंह ने बेबुनियाद आरोप लगाये हैं और इसके लिए उन्हें क्षमा याचना करनी चाहिए। वाईएसआरसीपी के गोला बाबूराव ने कहा कि बजट में वंचित समुदायों के लिए अलग प्रावधान किया जाना चाहिए।

बीजू जनता दल की सुलता देव ने कहा कि Manipur संवेदनशील राज्य है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। मणिपुर पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। मणिपुर पूर्वी एशिया के लिए प्रवेश द्वार है। हिंसा को देखते हुए मणिपुर के लिए ज्यादा आवंटन किया जाना चाहिए। महिलाओं पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरुरत है।

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राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने कहा कि देश में आय का असमान वितरण हो रहा है जो बेहद खतरनाक है। मणिपुर पर तत्काल देने की आवश्यकता है। सरकार को समुदायों के बीच दूरी घटाने का प्रयास करने चाहिए। मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए।

अन्नाद्रमुक एम तंबी दुरै ने कहा कि तमिलनाडु को ज्यादा आवंटन किया जाना चाहिए। यह राज्य बहुत अधिक राजस्व का संग्रहण करता है। इसलिए उसे उसका हिस्सा दिया जाना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी के अरूण सिंह ने कहा कि मणिपुर की समस्या आज की नहीं चालीस वर्ष पहले की है और उस समय कांग्रेस ने इस स्थिति को सही से नहीं संभाला।

Manipur की जिस तरह से उपेक्षा की है वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ

कांग्रेस के जी सी चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने Manipur की जिस तरह से उपेक्षा की है वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। उन्होंने जीएसटी के मद में कर्नाटक की बकाया राशि का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने मीड डे मील और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के तहत कर्नाटक को उसके हिस्से की राशि दिये जाने का मुद्दा भी उठाया।

द्रमुक के पी विल्सन ने कहा कि जब मणिपुर में हिंसा हो रही थी और लोगों के साथ अन्याय तथा उत्पीड़न हो रहा था उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वहां जाकर लोगों को सांत्वना देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार मणिपुर में वास्तव में शांति स्थापित करना चाहती है तो उसे कमरों में बैठकर बैठक करने के बजाय वहां के लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने मणिपुर में शांति की बहाली के लिए वित्त मंत्री से पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने की मांग की।

एमडीएमके के वाइको ने आरोप लगाया कि मणिपुर के मामले में प्रधानमंत्री अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु नयी शिक्षा नीति का विरोध करता है।

नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि यह बड़े खेद का विषय है कि श्री वाइको Manipur को छोड़कर हर विषय पर बोल रहे हैं। उन्होंने श्री वाइको द्वारा प्रधानमंत्री के बारे में की गयी असंसदीय टिप्पणियों को कार्यवाही से बाहर निकाले जाने की मांग की।

भाजपा के महाराजा संजाओबा लेशंबा ने कहा कि केन्द्र सरकार ने Manipur के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की है और इसके बाद बड़ी संख्या में लोग वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी लोगों को मदद पहुंचायी जा रही है।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि Manipur के लोगों को विश्वास है कि केन्द्र सरकार राज्य को विशेष सहायता जारी रखेगी जिससे कि राज्य में स्थिति पटरी पर लौटेगी। उन्होंने कहा कि अभी भी राज्य के लोगों को हर क्षेत्र में केन्द्र की सहायता की जरूरत है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार पी ने कहा कि Manipur को फिर से पटरी पर लाने के लिए बजट में जो प्रावधान किया गया है वह अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि मणिपुर देश में सबसे कम आय वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र को मणिपुर के बारे में अपनी नीतियों पर फिर से विचार करना होगा।

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