देहरादून। देश में चुनाव चाहे लोकसभा का हो या निकाय व पंचायत के, हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े चुनावों में Hindu-Muslim का मुद्दा चुनावी अनिवार्यता हो गया है। राजनीतिक दल धर्म और सांप्रदायिकता की राजनीति से अछूते नहीं रहते। खास बात यह है कि एक दूसरे पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाने वाले इन दलों में कोई भी किसी से पीछे नहीं है। राज्य में इन दिनों निकाय चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, कांग्रेस और भाजपा निकाय चुनाव में एक दूसरे पर बढ़त बनाने के लिए हर एक हथकंडे अपना रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां भी चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं वहां अवैध मजारों और मदरसोंं को लेकर किए गए अतिक्रमण को हटाने और राज्य की डेमोग्राफी को न बदलने देने का दावा करना नहीं भूलते हैं। कल दून से महापौर प्रत्याशी कांग्रेस के वीरेंद्र पोखरियाल के मस्जिद जाने को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर फिर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जबर्दस्त हमला बोला है।
कांग्रेस प्रत्याशी का कहना है कि उन्हें जहां भी उनके समर्थक बुलाएंगे वह जाएंगे वह चाहे किसी भी जाति धर्म और समुदाय के हो क्योंकि उन्हें तो सबको साथ लेकर चलना है लेकिन भाजपा के नेता नमाज के लिए जुम्मे की छुटृी से लेकर मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने तक के उदाहरण देकर अब वोट के लिए मस्जिद में माथा टेकने का आरोप लगाते हुए इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति बता रहे हैं। निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर बात करने की बजाय अब चुनाव प्रचार धीरे—धीरे मजार व मदरसों से होकर हिंदू मुस्लिम बनाने की ओर चल पड़ा है। लव जिहाद तथा लैंड जिहाद के साथ थूक जिहाद तक पर चर्चा शुरू हो गई है इसका चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह समय ही बताएगा।
