ऑपरेशन सिंदूर का असर : Haryana में मेडिकल अलर्ट, 25% बेड रिजर्व

चंडीगढ़। ऑपरेशन सिंदूर के बाद Haryana में हाई अलर्ट जारी है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब लापरवाही से कम कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चिकित्साकर्मियों और पैरामेडिक्स की छुट्टियों पर पूर्ण विराम लगा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि सभी को तैयार रहना होगा। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने बेड का 25% हिस्सा हमेशा इमरजेंसी के लिए रखें।

Haryana मंत्रिमंडल के निर्णय

स्वास्थ्य विभाग ने 8 मई को सभी सीएमओ को पत्र भेजा। इसमें कहा गया- “आपके अधीन कोई भी कर्मचारी मुख्यालय छोड़ने की अनुमति अवश्य लें। छुट्टी डीजी ही मंजूर करेंगे। सरल शब्दों में कहें तो इन दिनों कोई छुट्टी नहीं, कोई यात्रा नहीं। सिर्फ बाध्यता है।

Haryana : इतने सख्त कदम क्यों?

ऑपरेशन सिंदूर भारत की शांति को ख़तरे में डालने वाले तत्वों के ख़िलाफ़ एक जोरदार प्रतिक्रिया थी।

सरकार अब सुरक्षित रहने का लक्ष्य रखती है।

सब कुछ – सुरक्षा, स्वास्थ्य या आपातकालीन प्रतिक्रिया – सक्रिय मोड पर है।

अब हमें क्या समझना चाहिए?

यह चेतावनी-चिंता वाली कार्रवाई नहीं है।

यह तत्परता को दर्शाता है; अगर कुछ भी होता है, तो हम तैयार हैं।

सरकार, सिस्टम और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर एक उल्लेखनीय बैकअप प्रदान कर रहे हैं।

सलाम उन्हें जो अभी भी ड्यूटी पर है मौजूद: :…..

जब देश सोता है, तो कुछ लोग आपके स्वास्थ्य और सुरक्षा का आश्वासन बनने के लिए जागते रहते हैं। उनका योगदान सिर्फ़ अस्पतालों तक सीमित नहीं है; वे हमारी राष्ट्रीय रीढ़ हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, सिर्फ़ सीमा पर ही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में कार्रवाई हो रही है। और ये हलचल तैयारी से है, डर से नहीं। हरियाणा ने जो चेतावनी दी है, वो समझदारी भरा कदम है; जिम्मेदारी का मतलब है कि जब वक्त आए तो एक भी जान न जाए।

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