निजी अस्पतालों पर विभाग की हो रही जमकर मेहरबानी,शिकायत पर अब डीएम कर रहीं कार्रवाई

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January 26, 2025

निजी अस्पतालों पर विभाग की हो रही जमकर मेहरबानी,शिकायत पर अब डीएम कर रहीं कार्रवाई

एक निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला खासा चर्चित रहा अब यह अस्पताल भी दूसरे नाम से संचालित है।

बदायूं।जिले में संचालित छह सौ से अधिक अवैध अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान है। शिकायत मिलने के बाद विभाग के कर्मचारी सांठगांठ कर मामले को रफादफा कर लेते हैं।इन मामलों की जांच के लिए डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि शिकायत मिलते ही अस्पताल को सील करा दिया जाए।

स्वास्थ्य विभाग डीएम के आदेश पर जैसे-तैसे अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई करता है।लेकिन कुछ दिन बंद रखने के बाद संचालक अस्पताल का नाम बदलकर नए ठिकाने पर धंधा शुरू कर देते हैं। उन्हें यह मंत्र भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ही देते हैं।यही कारण है कि अवैध अस्पतालों में लगातार जच्चा-बच्चा की मौतों के मामले सामने आ रहे हैं। कार्रवाई होने के बाद आधा दर्जन अस्पताल संचालकों ने ठिकाना बदलकर फिर से अस्पताल संचालित कर लिए हैं।

वजीरगंज में बिल्सी रोड पर तीन अक्तूबर को न्यू बदायूं अस्पताल के नाम से संचालित नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी।स्वास्थ्य विभाग ने पहले तो सिर्फ नोटिस देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया, लेकिन जब पीड़ित परिवार ने शासनस्तर तक शिकायत की तो जांच की गई। इसमें अस्पताल का पंजीकरण ही फर्जी मिला।

इसके बाद संचालक के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अब संचालक ने नाम बदलकर दूसरी जगह अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया है। शहर के लालपुल स्थित न्यू फैमिली नर्सिंग होम में 21 दिन की बच्ची की मौत होने के बाद अस्पताल संचालक को नोटिस दिया गया। अब दूसरे रजिस्ट्रेशन पर अस्पताल संचालित किया जा रहा है।

ओरछी के एक निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत का मामला खासा चर्चित रहा। अब यह अस्पताल भी दूसरे नाम से संचालित हो रहा है।सहसवान कस्बे में 20 मार्च को जच्चा-बच्चा की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस तक नहीं दिया। अस्पताल अब फिर संचालित हो रहा है।
वहीं, सहसवान के एक अन्य अस्पताल में भी इसी माह जच्चा-बच्चा की मौत हुई। अब यह अस्पताल नाम और ठिकाना बदलकर संचालित हो रहा है। साथ ही इस्लामनगर में जो दो फर्जी अस्पताल डीएम ने सील कराए हैं। दोनों पर स्वास्थ्य विभाग ने करीब पांच बार नोटिस दिए गए। लेकिन, सांठगांठ होने के बाद अस्पताल संचालित होने लगता था। इसके बाद कस्बे के लोगों ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई तब कार्रवाई हो सकी।रिपोर्ट-जयकिशन सैनी

 

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Aman Kumar Siddhu
He has 18 years of experience in journalism. Currently he is the Editor in Chief of Samar India Media Group. He lives in Amroha, Uttar Pradesh. For contact samarindia22@gmail.com

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