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Three new criminal laws – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारत साक्ष्य अधिनियम कल से लागू हो जाएंगे।

Three new criminal laws केंद्र सरकार ने राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ नियमित बैठकें की हैं और वे इन कानूनों को लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण तथा जागरूकता उत्पन्न करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं।

Three new criminal laws इस संबंध में पुलिस और जांच अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।

दूरदर्शन और आकाशवाणी के समाचार बुलेटिनों, कार्यक्रमों, चर्चाओं और सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्मों के माध्‍यम से इस विषय पर गहन चर्चाएं और विश्‍लेषण किए गए हैं। जन-जागरुकता अभियान, संवाद कार्यक्रम, सूचनात्मक वेबसाइट्स और मंत्री स्‍तरीय वेबिनार का आयोजन भी किया गया। इसके अतिरिक्त विद्यालय और उच्‍च शैक्षणिक संस्‍थानों में पाठ्यक्रम मॉड्यूल को अनिवार्य रूप से शामिल भी किया गया।

Three new criminal laws नए आपराधिक कानूनों में जांच, मुकदमे और अदालती कार्यवाही में प्रौद्योगिकी पर जोर दिया गया है।

इसके लिए राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो-एन.सी.आर.बी ने मौजूदा अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली-सी.सी.टी.एन.एस. एप्लिकेशन में 23 कार्यात्‍मक संशोधन किए हैं। नई प्रणाली में निर्बाध परिवर्तन के लिए यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रहा है।
 सूत्रों ने बताया है Three new criminal laws  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और सीएफआईएस के साथ-साथ राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी उच्‍च शैक्षणिक संस्‍थानों में कल एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सामूहिक चर्चा, वर्कशॉप, प्रश्‍नोत्‍तरी सत्र और नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों पर क्विज शामिल होंगे।
इन कानूनों Three new criminal laws की शुरुआत के साथ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रत्‍येक पुलिस थाना प्रभारियों द्वारा भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला जाएगा।

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