नई दिल्ली : तुर्की के बोलू पहाड़ों में स्थित ग्रैंड कार्तल होटल में मंगलवार को भीषण fireलगने से 66 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। आग से बचने के लिए कई मेहमानों को खिड़कियों से कूदना पड़ा। यह घटना उत्तर-पश्चिमी तुर्की के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल कार्तलकाया स्की रिसॉर्ट में हुई, जहाँ घटना के समय 234 मेहमान ठहरे हुए थे। आग सुबह करीब 3:30 बजे 12 मंजिला होटल के रेस्तरां में शुरू हुई और देखते ही देखते पूरी इमारत में फैल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग का मुख्य कारण धुआँ था और होटल का अग्नि पहचान तंत्र (फायर अलार्म सिस्टम) भी काम नहीं कर रहा था। ऊपरी मंजिलों पर फंसे मेहमानों ने नीचे उतरने के लिए चादरों की अस्थायी रस्सियाँ बनाईं, जबकि कुछ जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूद गए। बोलू के गवर्नर अब्दुलअजीज आयडिन ने बताया कि दो लोगों की मौत घबराहट में खिड़की से कूदने के कारण हुई।
टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में होटल की छत और ऊपरी मंजिलें fire की लपटों में घिरी हुई दिखाई दे रही थीं। जली हुई लकड़ी की दीवारें और काली पड़ चुकी लॉबी, जहाँ टूटे हुए कांच और जले हुए फर्नीचर बिखरे पड़े थे, त्रासदी की भयावहता बयां कर रहे थे। आग से बचकर निकलने वाले एक स्की प्रशिक्षक नेकमी केपसेटुटन ने बताया कि वे लगभग 20 मेहमानों को बाहर निकालने में सफल रहे, लेकिन घने धुएँ के कारण कई लोगों के लिए बाहर निकलने का रास्ता खोजना मुश्किल हो गया था। स्वास्थ्य मंत्री केमल मेमिसोग्लू ने पुष्टि की है कि इस घटना में 51 लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। गृह मंत्री अली येरलिकाया ने इस जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए एक अत्यंत पीड़ादायक क्षण बताया है। कई मेहमानों ने अग्निशमन दल के घटनास्थल पर पहुँचने में काफी देरी होने की शिकायत की है। कुछ लोगों का दावा है कि मदद पहुँचने में लगभग एक घंटा लग गया। तीसरी मंजिल पर ठहरे एक अतिथि अताकन येलकोवन ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया, “ऊपरी मंजिलों पर लोग चीख रहे थे। अलार्म नहीं बजा। मेरी पत्नी को जलने की गंध आई और हम मुश्किल से बाहर निकल पाए।”