महात्मा गांधी के परपोते को SC से बड़ा झटका, साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना पर याचिका खारिज

नई दिल्ली: महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को SC से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने उनकी उस याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम की लगभग 1,200 करोड़ रुपये की पुनर्विकास परियोजना को चुनौती दी थी।

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SC जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसे गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के बाद दाखिल करने में दो साल की देरी हुई है, इसलिए इस पर विचार नहीं किया जा सकता।

SC ने सरकार की नीति में दखल देने से इनकार करते हुए टिप्पणी की, “अपनी भावनाओं को यहां मत लाइए। हम आगे बढ़ रहे हैं, देश आगे बढ़ रहा है। चीजों को देखने का एक तरीका होता है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्होंने मामले पर विचार किया और उन्हें इसमें कुछ भी गलत नहीं मिला।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि गुजरात सरकार ने पहले ही बता दिया है कि आश्रम का पांच एकड़ का मुख्य क्षेत्र पुनर्विकास के दायरे से बाहर रहेगा। इस प्रकार, याचिकाकर्ता की मुख्य क्षेत्र को लेकर जो आशंका थी, वह याचिका पर विचार करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

SC अपनी भावनाओं को यहां मत लाइए। हम आगे बढ़ रहे हैं

गौरतलब है कि तुषार गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में अपनी याचिका में तर्क दिया था कि प्रस्तावित परियोजना आश्रम की मूल संरचना को बदल देगी। उन्होंने कहा था कि इस परियोजना में लगभग 200 इमारतों को या तो नष्ट कर दिया जाएगा या उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा, जबकि केवल 40 से अधिक इमारतों को संरक्षित किया जाएगा। हालांकि, गुजरात उच्च न्यायालय ने 2022 में ही उनकी याचिका का निपटारा कर दिया था, जब सरकार ने आश्वासन दिया था कि आश्रम का मुख्य क्षेत्र अप्रभावित रहेगा।

 

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