बर्धमान (पश्चिम बंगाल): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख Mohan Bhagwat ने हिंदू समाज की एकता और जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि विविधता में ही एकता समाहित है। उन्होंने बर्धमान के साई ग्राउंड में आयोजित आरएसएस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत केवल भूगोल नहीं, बल्कि एक प्रकृति है, जिसकी आत्मा हिंदू समाज में बसती है।
“Mohan Bhagwat हमारे अनुशासनप्रिय नहीं हैं”: रामभद्राचार्य का तीखा हमला
Mohan Bhagwat हिंदू समाज ही देश का जिम्मेदार समाज है
भागवत ने कहा कि लोग पूछते हैं कि हम केवल हिंदू समाज पर ही ध्यान क्यों देते हैं, तो मेरा जवाब है कि हिंदू समाज ही देश का जिम्मेदार समाज है। इसलिए हमें इसे संगठित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में महान शासकों और योद्धाओं की गाथाएं हैं, लेकिन इस देश में वे लोग अधिक पूजे जाते हैं, जिन्होंने अपने वचन और मूल्यों को प्राथमिकता दी। “हम भगवान राम को इसलिए याद करते हैं कि उन्होंने अपने पिता के वचन की रक्षा के लिए 14 वर्षों का वनवास स्वीकार किया। भागवत ने कहा कि भरत को इसलिए याद करते हैं कि उन्होंने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रख दीं और राज्य की बागडोर वापस उन्हें सौंप दी।
‘भारत को अंग्रेजों ने नहीं बनाया’
Mohan Bhagwat अंग्रेजों ने भारतीय समाज में फूट डालने का काम किया
RSS Chief ने इस दौरान ऐतिहासिक हमलों और विदेशी शासकों द्वारा भारत पर शासन के संदर्भ में कहा कि “भारत को अंग्रेजों ने नहीं बनाया, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में फूट डालने का काम किया। उन्होंने यह धारणा स्थापित करने की कोशिश की कि भारत एकजुट नहीं था, लेकिन यह सच नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की मूल पहचान विविधता में एकता की विचारधारा से बनी है। “हम कहते हैं कि विविधता में एकता है, लेकिन हिंदू समाज मानता है कि विविधता ही एकता है।”
पश्चिम बंगाल में रैली की अनुमति पर विवाद
कार्यक्रम को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय से मंजूरी मिलने के बाद आयोजन संभव हो सका।