मुख्यमंत्री नहीं माने तो बुग्गी को बैरिकेड बनाकर रास्ता रोकेंगे Farmers

कुरुक्षेत्र: संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में Farmers ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति के खिलाफ हुंकार भरी और सीएम आवास का घेराव किया। किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार को जमकर कोसा। सीएम आवास का घेराव करने जा रहे किसानों को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रास्ते में ही रोक लिया।

Farmers ने अब 13 और 26 जनवरी को लेकर कर दिया बड़ा ऐलान

इससे Farmers में भारी रोष व्याप्त हो गया तथा प्रदर्शन उग्र हो गया। इस दौरान किसान बैरिकेड पर चढ़कर सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए नजर आए। इधर, भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि जिस तरह किसानों को बैरिकेड लगाकर रोका जा रहा है, उसी तरह किसान भी बुग्गी को बैरिकेड बनाकर मुख्यमंत्री का रास्ता रोकने का काम करेंगे।

इससे पूर्व प्रदेश के Farmers ने बड़ी संख्या में ताऊ देवीलाल पार्क में महापंचायत की। इस दौरान किसानों ने नयी राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण का विरोध किया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार किसान विरोधी फैसले ले रही है।

Farmers कभी न डरे हैं और न ही डरेंगे

मुख्यमंत्री स्वयं को किसान का बेटा कहते हैं, लेकिन आज किसानों का रास्ता रोककर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि वह नालायक हैं। उन्होंने कहा कि यह बैरिकेड मात्र किसानों पर नहीं लगाया गया है बल्कि यह हरियाणा की खेतीबाड़ी को फलने-फूलने से रोकने के लिए लगाया गया है। हरियाणा का किसान इस घटना का करारा जवाब देगा। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि मुख्यमंत्री को दो मिनट का समय निकालकर किसानों की बात सुननी चाहिए थी।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने चेताया कि Farmers कभी न डरे हैं और न ही डरेंगे। रतनमान ने कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से पंजाब सरकार की तरह इस पॉलिसी को रद्द करे। इस अवसर पर सुमित दलाल, रणबीर मलिक, जोगेंद्र नैन, विकास सिसर, कामरेड बलबीर सिंह, कंवरजीत सिंह, सुखदेव, सुरेश कोथ सहित अन्य मौजूद रहे।

यह हैं किसानों की मुख्य मांगें

पंजाब में गिरफ्तार किसान नेताओं और सभी किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और शांतिपूर्वक किसान आंदोलन पर कार्रवाई तुरंत प्रभ्भाव से रोकी जाए। केंद्र सरकार द्वारा 25 नवंबर, 2024 को जारी की गई कृषि विपण पर राष्ट्रीय नीतियों को हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पारिक कर वापस किया जाए और इसे प्रदेश में न लागू किया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार सी 2$50 प्रतिशत पर खरीद की कानूनी गारंटी दी जाए। भारत सरकार द्वारा कृषि और किसानों व मजदूरों का सशक्तीकरण करने की दिशा में वैकल्पिक नीतियां अपनाई जाएं।

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