मजिस्ट्रेटी जांच के दौरान बिना लाइसेंस पटाखों के निर्माण और भंडारण के साक्ष्य मिले….
इस्लामनगर।मुहाली मोहल्ले में विस्फोट से दो मंजिला मकान के ध्वस्त होने की मजिस्ट्रेटी जांच के पहले दिन ही एडीएम प्रशासन रेनू सिंह को बिना लाइसेंस पटाखों के निर्माण और भंडारण के साक्ष्य मिले।उन्होंने पटाखा बनाने व बिक्री लाइसेंस के संबंध में सीओ व एसडीएम से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की।
बृहस्पतिवार दोपहर करीब 1:45 बजे एडीएम प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने एसडीएम बिल्सी प्रबर्धन शर्मा, सीओ बिल्सी सुशील कुमार सिंह और इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह को मौके पर बुला लिया। फिर नायब तहसीलदार मोहित कुमार,कानून-गो रमाकांत शर्मा, लेखपाल प्रदीप चौधरी, मनोज भारती और अरुण सक्सेना को लगाकर अख्तर अली के मकान की चौहद्दी की नपत कराई।यह देखकर आसपास के कई लोग आ गए। एडीएम ने उनसे हादसे के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान अख्तर का छोटा भाई रिजवान भी पहुंच गया था।
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एडीएम ने उससे भी हादसे के संबंध में जानकारी की। इसके बाद वह सभी अधिकारियों के साथ मुख्य रोड पर स्थित असगर अली की पटाखों की दुकान पर पहुंचीं। रिजवान ने दुकान का ताला खोला। उन्होंने दुकान में पटाखे और स्टॉक रजिस्टर देखा।उस दौरान दुकान में कई तरह के पटाखे और पटाखों के खाली डिब्बे रखे हुए थे। सभी पटाखों की फोटो खींच कर साक्ष्य जुटाए गए। करीब दो घंटे चली छानबीन यह स्पष्ट हुआ कि लाइसेंस नवीनीकृत न होने के बाद भी अख्तर के पिता असगर पटाखों के निर्माण और बिक्री का काम कर रहे थे।बेटा अख्तर भी बिना लाइसेंस के पटाखे बनाता व बेचता था।
हादसे के बाद सील है कोठरी:- पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की अब तक की छानबीन में पता चला है कि असगर अली ने कहने मात्र को लभारी गांव में पटाखा निर्माण स्थल बना रखा था। गांव के नजदीक एक पक्की कोठरी बना दी गई थी।उसके चारों ओर चाहरदीवारी बनी हुई है लेकिन लंबे समय से यहां पटाखों का निर्माण नहीं किया जा रहा था। हादसे के बाद थाना पुलिस ने तुरंत यहां का निरीक्षण किया था। तब यह कोठरी खाली पड़ी मिली थी। पुलिस ने उसके दरवाजे पर ताला लगाकर उसको सील कर दिया था। तब से यह कोठरी सील है।
रिपोर्ट – जयकिशन सैनी (समर इंडिया)