लखनऊ। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को देशवासियों के नाम एक संदेश लिखा। इसमें उन्होंने इस बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोला।
‘कार्यकर्ताओं के दम पर BJP की बनी सरकार’
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर BJP पर निशाना साधते हुए लिखा, ”भाजपा जब भी कोई नया बिल लाती है तो दरअसल वो अपनी नाकामी छुपाती है। BJP नोटबंदी, जीएसटी, मंदी, महंगाई, बेरोजगारी, बेकारी, भुखमरी, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी समस्याएं सुलझा नहीं पा रही है, इसीलिए ध्यान भटकाने के लिए वक्फ बिल लाई है।”
सपा प्रमुख ने चीन का जिक्र करते हुए लिखा, ”वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा वो जमीन है, जिस पर चीन ने अपने गांव बसा दिए हैं। लेकिन, कोई बाहरी खतरे पर सवाल-बवाल न करे इसीलिए ये बिल लाया जा रहा है। सरकार गारंटी दे कि वक्फ की जमीन कभी भी किसी भी पैंतरेबाजी से किसी और मकसद के लिए किसी और को नहीं दी जाएगी।
वक्फ की वर्तमान व्यवस्था में चाहे 5 साल के धर्म पालन की पाबंदी की बात हो या कलेक्टर से सर्वेक्षण के हस्तक्षेप की बात हो या वक्फ परिषद या बोर्ड में बाहरियों को शामिल करने की बात हो… इन सबका उद्देश्य एक वर्ग विशेष के संवैधानिक अधिकार को छीनकर उनके महत्व और नियंत्रण को कम करना है।”
BJP वक्फ बिल को लाना भाजपा का ‘सियासी हठ’ है
उन्होंने आगे लिखा, ”ट्रिब्यूनल के निर्णय को अंतिम न मानकर उच्च न्यायालय में लेकर जाने की अनुमति देना दरअसल जमीनी विवाद को लंबी न्यायिक प्रक्रिया में फंसाकर वक्फ भूमि पर कब्जों को बनाए रखने का रास्ता खोलेगा। क्या दूसरे धर्मों की धार्मिक और चैरिटेबल जमीनों और ट्रस्टों में बाहरियों को शामिल करके ऐसी ही व्यवस्था करेगी?
सबसे बड़ी बात ये है कि वक्फ बिल की पीछे की न तो नीति सही है, न नीयत। ये देश के करोड़ों लोगों से उनके घर-दुकान छीनने की साजिश है। भाजपा एक अलोकतांत्रिक पार्टी है, वो असहमति को अपनी शक्ति मानती है। जब देश के अधिकांश राजनीतिक दल वक्फ बिल के खिलाफ हैं तो इसे लाने की जरूरत क्या है और जिद क्यों है। ”
सपा प्रमुख ने लिखा, ”वक्फ बिल को लाना भाजपा का ‘सियासी हठ’ है। वक्फ बिल भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति का एक नया रूप है। BJP वक्फ बिल लाकर अपने उन समर्थकों का तुष्टीकरण करना चाहती है, जो भाजपा की आर्थिक नीति, महंगाई, बेरोज़गारी, बेकारी और चौपट अर्थव्यवस्था से उससे छटक गए हैं। भाजपा की निगाह वक्फ की जमीनों पर है। वो इन जमीनों का नियंत्रण अपने हाथ में लेकर इन जमीनों को पिछले दरवाजे से अपने लोगों के हाथों में दे देना चाहती है।”