नगर एवं देहात क्षेत्र में मेडिकल स्टोर बनाम जनरल स्टोरो पर धड़ल्ले से बिक रही है प्रतिबंधित एवं एक्सपायरी डेट की दवाएं

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August 11, 2024

नगर एवं देहात क्षेत्र में मेडिकल स्टोर बनाम जनरल स्टोरो पर धड़ल्ले से बिक रही है प्रतिबंधित एवं एक्सपायरी डेट की दवाएं

ग्राहक के बिल मांगे जाने पर पकड़ा दिए जाते है हाथों से लिखे हुए सादा बिल

सहसवान। जहां केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार जीवन से खिलवाड़ करने वाली प्रतिबंधित दवाएं पूर्ण रूप से बंद करने के बड़े-बड़े फरमान जारी कर रही हैं वही सहसवान एवं नगर क्षेत्र में किसी भी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित एवं एक्सपायरी डेट की दवाएं मिल जाना आम बात हो गई है।मेडिकल स्टोर बनाम जनरल स्टोर की दुकानों पर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाली मिल रही दवाई से नगर एवं देहात क्षेत्र की जनता इधर-उधर शिकायत करते नजर आ रही है दुकानदार से शिकायत करने पर उसके साथ अभद्र व्यवहार एवं गाली गलौज किया जाता है।जिससे पीड़ित शिकायत करता अपने घर शांत होकर बैठ जाता है।

ऐसी ही एक शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आइजीआरएस पोर्टल पर संयुक्त रूप से दर्जन भर से ज्यादा लोगों ने नगर एवं देहात क्षेत्र में प्रतिबंधित एवं एक्सपायरी डेट की बिक रही दबाई की शिकायत करते हुए ऐसे मेडिकल स्टोर एवं जनरल स्टोर स्वामियों के प्रतिष्ठानों पर छापामारी अभियान चलाते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री आइजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायत में बताया की नगर एवं देहात देहात क्षेत्रो में बड़े पैमाने पर फर्जी रूप से मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं जिन पर कोई भी लाइसेंस नहीं है।पंजीकृत मेडिकल स्टोर बनाम जनरल स्टोर पर उत्तर प्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाई की जमकर बिक्री की जा रही है। यही नहीं अनेक मेडिकल स्टोर बनाम जनरल स्टोर पर एक्सपायरी डेट की दवाई भी लोगों को पकड़ा दी जाती हैं अंजान एवं काम पड़े लिखे लोग एक्सपायरी डेट की दवाई अपने घर ले जाते हैं।

जब वह इसका इस्तेमाल करते हैं।तो पता चलता है।की दवाई एक्सपायर डेट की थी जो रिएक्शन कर गई दवाई रिएक्शन करते ही उसका जीवन संकट में पड़ जाता है उस संकट को उभारने के लिए मरीज को पुनः डॉक्टर की शरण में जाना पड़ता है जिससे जहां उसके शरीर को भारी कष्ट हुआ वहीं उसे आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है बात यहीं खत्म नहीं होती है मेडिकल स्टोर बना जनरल स्टोर पर जो दवाई बेची जा रही हैं।अधिकांश मेडिकल स्टोर रजिस्टर्ड नहीं है जिसके चलते कोई भी मेडिकल स्टोर स्वामी व जनरल स्टोर जहां दवाई बेची जाती हैं दवाई बेचे जाने के बाद उपभोक्ता को बिल के नाम पर एक सादा हाथ का लिखा पर्चा पकड़ा दिया जाता है।

अगर पर्चा भी ना हो तो उसे कैलकुलेटर से जोड़कर सिर्फ दवाई का मूल्य ले लिए जाते हैं यही नहीं आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाइयां पर पड़े हुए प्रिंट के अनुसार ही भुगतान उपभोक्ताओं से लिया जाता है।
पत्र में बताया की नगर एवं देहात क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जी रूप से मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं जो बीमारियों को जड़ से खत्म कर देने का दावा करते हुए उपरोक्त दवाई का प्रचार प्रसार कर रहे हैं तथा ग्राहकों से मनमानी दामों की वसूली भी की जा रही है कई बार उपभोक्ताओं से ज्यादा पैसे मांगे जाने की शिकायतें मिलती रहती हैं जिसके चलते अनेक बार उपभोक्ताओं मेडिकल स्टोर स्वामी बनाम जनरल स्टोर स्वामियों से विवाद होता रहता है ।दवाई का भुगतान दिए जाने के बाद जब उपभोक्ता कंप्यूटर बिल मंगता है तो उसे दुत्कार कर भगा दिया जाता है।
पत्र में बताया की ऐसी शिकायतें अनेक बार उच्च अधिकारियों से भी की जा चुकी हैं परंतु अधिकारियों ने बिना जांच पड़ताल किए हुए एक पछीय शिकायत का निस्तारण कर दिया जाता है। जिससे आरोपी मेडिकल स्टोर स्वामी एवं जनरल स्टोर स्वामियों के हौसले बुलंद हो गए हैं।
शिकायत में नेत्रपाल .चंद्रपाल. समसुल. नसीम. ज्ञानेंद्र .राजवीर .चेतन सिंह. सत्यवीर सिंह. पुष्पेंद्र. नसीम खान. राजेंद्र. मोहम्मद इस्लाम. छत्रपाल. जितेंद्र. आदि लोगों के हस्ताक्षर हैं।रिपोर्ट-एस.पी सैनी

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Aman Kumar Siddhu
He has 18 years of experience in journalism. Currently he is the Editor in Chief of Samar India Media Group. He lives in Amroha, Uttar Pradesh. For contact samarindia22@gmail.com

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