अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं ?तो जानने ये नियम वरना पड़ सकता पछताना |

 महादेव के आंसुओं से निकले रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे धारण…

 महादेव के आंसुओं से निकले रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है।

रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे धारण करने से आप कई परेशानियों से बच सकते हैं। रुद्राक्ष व्यक्ति की सोच को सकारात्मक बनाता है।

लेकिन रुद्राक्ष तभी शुभ फल देता है जब इसे विधि-विधान के साथ धारण किया जाए। इतना ही नहीं, ऐसा माना जाता है कि इसे पहनने के बाद जरूरी नियमों का पालन करना पड़ता है। अन्यथा रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता ह

 

रुद्राक्ष एक फल की गुठली है।

इसका उपयोग आध्यात्मिक क्षेत्र में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आँखों के जलबिंदु से हुई है। इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। रुद्राक्ष शिव का वरदान है, जो संसार के भौतिक दु:खों को दूर करने के लिए प्रभु शंकर ने प्रकट किया है।

रुद्राक्ष एक प्रकार का बीज होता है एवं यह परंपरागत रूप से हिंदू धर्म (विशेष रूप से शैववाद) में प्रार्थना के माला के रूप में प्रयोग किया जाता है।

रुद्राक्ष हिंदू देवता भगवान शिव से जुड़ा हुआ हैं एवं आमतौर पर भक्तों द्वारा सुरक्षा कवच के तौर पर या ओम नमः शिवाय मंत्र के जाप के लिए पहने जाते हैं। ये बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में कार्बनिक आभूषणों और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं एवं अर्द्ध कीमती पत्थरों के समान मूल्यवान होते हैं।

रुद्राक्ष
रुद्राक्ष

 

ये लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं

ऐसा माना जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद कुछ समय तक माँ और बच्चा अशुद्ध रहते हैं। ऐसे में माता को भूलकर भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि रुद्राक्ष पहनने वाले लोगों को इन लोगों के कमरे में भी नहीं जाना चाहिए। अगर आप इन लोगों के कमरे में जा रहे हैं तो रुद्राक्ष उतारकर रखें।

 

 

 

इस दौरान रुद्राक्ष धारण न करें

रुद्राक्ष पहनने वाले को धूम्रपान या मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है. इससे आपको कोई फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होता है।

PM Kisan

 

माना जाता है कि सोते समय भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।

रात को सोने से पहले इसे उतारकर तकिये के नीचे रख लें। ऐसा करने से मन शांत रहता है और बुरे सपने नहीं आते।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शव यात्रा में भी रुद्राक्ष धारण न करें। इससे रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है, जिसका जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

रुद्राक्ष
रुद्राक्ष

Banifit of रुद्राक्ष

सिर पर भी रुद्राक्ष पहनने से लाभ मिलता है

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में एस्ट्रोलॉजी के लेक्चरर डॉ. इन्द्र बली मिश्रा बताते हैं कि रुद्राक्ष की माला पहनने से स्ट्रेस या डिप्रेशन नहीं होता।

इससे मानसिक बीमारियां ठीक हो सकती हैं। कई लोग सिर पर भी  पहनते हैं। जो लोग गंभीर रूप से मानसिक बीमारियों से जूझते हैं वो चार, पांच और छह मुखी वाले 550 मनकों को धागे में पिरोकर पहनते हैं।

यह देखने में   मुकुट जैसा होता है। माना जाता है कि इससे मानसिक बीमारियां ठीक होती हैं।

कई लोग मेडिटेशन करने के लिए भी रुद्राक्ष की कई लड़ियां सिर पर पहनते हैं।

रुद्राक्ष
रुद्राक्ष

आयुर्वेद के अनुसार, रुद्राक्ष के मनकों से कॉन्सन्ट्रेशन, फोकस और मेंटल स्टैमिना बढ़ता है।

बीएचयू के साइंटिस्ट डॉ. सुबास रॉय ने अपनी रिसर्च में बताया है कि अलग-अलग मुखी वाले रुद्राक्ष में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रॉपर्टीज होती हैं।

इससे इलेक्ट्रिक इम्पल्सेज निकलती हैं। जब रुद्राक्ष पहनते हैं तो इससे ब्रेन पर भी अच्छा असर पड़ता है।

ब्रेन में डोपामाइन और सेरोटोनिन हार्मोन का लेवल बेहतर होता है। ‘रुद्राक्ष: सीड्स ऑफ कम्पैशन’ में डॉ. निबोधी हास बताते हैं कि गले, सिर या भुजा में रुद्राक्ष पहनने से मिर्गी के रोगियों को काफी लाभ होता है।

 

11 मुखी वाले रुद्राक्ष को धागे में पिरोकर सिर पर पहनने से सिर दर्द, माइग्रेन दूर होता है। इससे मेमोरी भी मजबूत होती है।

रुद्राक्ष सेल फोन से निकले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी के असर को कम करता है। इसमें एंटी एजिंग प्रॉपर्टी भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *