hindi mahotsav:’पुरुषस्य चरित्रम ‘की 376 वीं प्रस्तुति में श्री अम्बष्ट ने किया 26 पात्रों का एकल अभिनय

hindi mahotsav’पुरुषस्य चरित्रम ‘की 376 वीं प्रस्तुति में श्री अम्बष्ट ने किया 26 पात्रों का एकल अभिनय
hindi mahotsav आदित्य संस्कृति पत्रिका। गिरजा शंकर अग्रवाल की रिपोर्ट – दतिया, मध्य प्रदेश द्वारा होटल ब्लू स्टार, दतिया, मध्य प्रदेश के प्रांगण में दिनांक-5/9/23 को हिन्दी महोत्सव के अंतर्गत देश के 16 राज्यों से आये 87साहित्यकार सह स्थानीय दतिया सहित मध्य प्रदेश के 56 साहित्यकार का परिचय सत्र, अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन,सामाजिक एवं पारिवारिक परिवेश में साहित्यकारों की भूमिकापर परिचर्चा, सम्मान समारोह, कवि सम्मेलन, भक्ति गीत, पुरुषस्य चरित्रम की 376वीं प्रस्तुति एवं दिनांक-6/9/23 को हिन्दी महोत्सव शोभा यात्रा, राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्तजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पर्यटन का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।

hindi mahotsav चर्चित साहित्यकार एवं लघु सिंचाई प्रमंडल,
मधुबनी के लिपिक श्री संजय कुमार अम्बष्ट को अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मान डाॅ•अन्नपूर्णा भदौरिया साहित्य सृजक सम्मान, 21 हिन्दी साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ•विकास दावे एवं आयोजन समिति अध्यक्षा डाॅ• अंशु भदौरिया के कर कमलों द्वारा शाॅल एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया ।श्री अम्बष्ट के वीर रस कविता धरती माँ तुझे पुकार रही से दर्शकों मे काफी उत्साह का संचार हुआ ।

hindi mahotsavबिहार का प्रतिनिधित्व करते हुए
चर्चित अभिनेता संजय कुमार अम्बष्ट द्वारा लिखित, निर्देशित एवं अभिनीत लघु नाटक ‘पुरुषस्य चरित्रम ‘की 376वीं प्रस्तुति की गयी ।जिसमें श्री अम्बष्ट ने 26पात्रों का अकेले अभिनय कर दर्शको को मंत्र मुग्ध करते हुए हतप्रभ कर दिया ।इस लघु नाटक का मंचन पूरे देश में 375 जगहों यथा बेगूसराय, कटिहार, सहरसा,डाल्टेनगंज, हजारीबाग, कतरासगढ, लखनऊ, बनारस, नेशनल म्यूजियम हाॅल, नयी दिल्ली, कर्नाटक, चेन्नई, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि जगहों पर सफल मंचन किया गया है।

hindi mahotsav इस नाटक में देश में फैल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए
आदर्श पुरुषार्थ को स्थापित करने का प्रयास किया गया है।स्लो मोशन का दंगल फाइट, खङे खङे दौङना, आग लगाना, दंगा, कुत्ता, मुर्गा, बाघ, बाघ का जबङा चीङना आदि का बेहतरीन प्रस्तुतिकरण सह 26 पात्रों का एकल अभिनय मुख्य आकर्षण रहा ।यह प्रतीकात्मक एवं प्रायोगिक नाटक है ।
संपूर्ण दो दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक संपादक श्री जगत शर्मा जगत, श्री भानू शर्मा, राजेश तिवारी मक्खन आदि का सफल योगदान रहा ।संपूर्ण कार्यक्रम अविस्मरणीय है ।