एक महिला सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सुनाई गई सजा,एक महिला दोष मुक्त-

एक महिला सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सुनाई गई सजा,एक महिला दोष मुक्त-

बदायूँ। 5 वर्ष पूर्व रामनाथ कॉलोनी के चर्चित केस जिसमें एक छात्रा की हत्या तथा उसकी बड़ी बहन को गोली मारकर चोटें पहुंचाने के मामले में अतिरिक्त जिला जज कक्ष संख्या 8 ने दो व्यक्तियों व एक महिला सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा एक महिला दोषमुक्त हुई।

3 फरवरी 2018 को रामनाथ कॉलोनी में रमाकांत मिश्रा के मकान में अपने चाचा श्यामवीर मिश्रा के साथ रहकर पढ़ाई करने वाली छात्रा लवली की प्रेम प्रसंग के कारण गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।कारावास

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तथा उसकी बहन नीरज द्धारा बचाने पर उसे भी गोली मारकर घायल कर दिया था। जिसकी रिपार्ट श्याम वीर मिश्रा ने उसी दिन थाना सिविल लाइन पर अपने ही गांव खेड़ा जलालपुर थाना उसत बदायूँ के निवासी अभियुक्त अमित व सुमित तथा उसकी बहन बबली के साथ ही एक अज्ञात महिला बबली की सहेली के विरुद्ध लिखाई थी जिसमे पुलिस ने घटना के तीसरे दिन अभियुक्त अमित को रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर बाद में उसकी निशानदेही पर आला कल्ल तमंचा बरामद किया था।

पुलिस विभाग सूची

तथा नामजद अभियुक्त अमित सुमित तथा लवली को गिरफ्तार कर जेल भेजा था उसके बाद बादी की शिकायत पर विवेचना थाना आंवला जिला बरेली के थाना अध्यक्ष को ट्रांसफर कर दी गई थी। जिन्होंने अज्ञात महिला के रूप में शालू पाठक उर्फ भारती पाठक निवासी सिविल लाइन बदायूँ को अभियुक्त मानकर गिरफ्तार किया था।

बाद में उच्च न्यायालय से सुमित बबली शालू पाठक उर्फ भारती पाठक जमानत पर गिरफ्तार हुए थे।

अमित पाठक तब से लगातार जमानत न होने के कारण जेल में निरुद्ध रहा अदालत में बादी श्यामवीर मिश्रा व चुटेल गवाह नीरज मिश्रा ने न्यायालय में गवाही दी मुकदमे में कुल 14 गवाह न्यायालय में पेश हुए थे हालांकि न्यायालय में मकान मालिक सरला शर्मा ने घटना की तो बात बताई लेकिन किसी अभियुक्त को देखने बचाने से साफ इंकार कर दिया था।कारावास घटना के कुल 3 चश्मदीद साक्षी पेश हुए शेष साक्षी पुलिसकर्मी डॉक्टर पेश हुए थे जिसे पर अदालत अतिरिक्त जिला जज कब संख्या 8 सौरभ कुमार सक्सेना ने अपने निर्णय सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अभियुक्त अमित व सुमित तथा उनकी बहन बबली को आजीवन कारावास की सजा के साथ ही अधिक दंड को भुगतने का आदेश दिया

तथा अभियुक्त शालू पाठक उर्फ भारती पाठक जिनका नाम विवेचना में बाद में प्रकाश में आना बताया को साक्ष्य के अभाव में बइज्जत बरी कर दिया।

विदित हो कि घटना के समय यह कैस काफी समय तक चर्चित रहा और मीडिया में भी छाया रहा जिसमें आज फैसला आ ही गया बादी की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता मदन लाल राजपूत ने तथा अभियुक्त अमित सुमित, बबली की ओर से अरविंद कुमार शर्मा एडवोकेट तथा शालू पाठक उर्फ भारती पाठक की और से वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिताश कुमार सक्सेना एडवोकेट व अरुण कुमार सक्सेना ने पैरवी की थी।कारावास

सचिवालय

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