नई दिल्ली। संविधान के मुद्दे पर बीजेपी लगातार घिरती जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संविधान निर्माता बाबासाहब अंबेडकर के बयान को लेकर बवाल नहीं थम रहा। कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार जारी है। इसी कड़ी में अब 27 जनवरी को कांग्रेस एमपी के महु में बड़ी रैली का आयोजन कर रही है। जिसमे पार्टी के सभी शीर्ष नेता शामिल होंगे और इसे लेकर अभी से बीजेपी दबाव में दिख रही है। मोहन सरकार Rahul गांधी को रोकने की कोशिशों में जुट गई है।
Rahul ने शुरू की ‘सफेद टी-शर्ट मुहिम’
कांग्रेस सांसद Rahul बीजेपी के लिए सिरदर्द बने
कांग्रेस सांसद Rahul गांधी बीजेपी के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। ये बात बीजेपी नेताओं की बौखलाहट से ज़ाहिर होती है। बीजेपी का पूरा फोकस राहुल की लोकप्रियता को ख़त्म करने पर है। इसी कोशिश में लगी बीजेपी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए अब राहुल गांधी की आवाज़ दबाने की कोशिश की. अभी तक तो संसद के अंदर और केंद्रीय जांच एजेंसियां के सहारे से ही विपक्ष की आवाज़ दबाए जाने के आरोप लगते थे। लेकिन अब बीजेपी सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए राहुल गांधी की आवाज़ दबाने के लिए फरमान जारी कर दिया गया था। जिस रैली के लिए राहुल गांधी डॉ. अम्बेडकर की जन्म स्थली मध्य प्रदेश के महू आने वाले थे उसको लेकर प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया था।
प्रशासन ने शर्त रखी कि कार्यक्रम में राजनीतिक और धर्म विरोधी भाषण प्रतिबंधित रहेगा। लेकिन कांग्रेस ने इस पर मोर्चा खोल दिया जिसके बाद बीजेपी सरकार बैकफुट पर आ गई और प्रशासन को इस शर्त को हटाने के लिए आदेश दिया। 27 जनवरी को महू के वेटरनरी महाविद्यालय के पास मैदान में होने वाली सभा के लिए इंदौर ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी। 23 जनवरी को जारी अनुमति पत्र में प्रशासन ने शर्त में ‘कार्यक्रम में अनाउंसमेंट के दौरान कोई भी राजनैतिक व धर्मविरोधी भाषण प्रतिबंधित रहेंगे।’ बिंदु को भी शामिल किया था। अनुमति मिलते ही कांग्रेस नेताओं और आवेदनकर्ता सदाशिव यादव ने आपत्ति जताई। जिसके बाद प्रशासन ने 24 जनवरी शुक्रवार देर शाम ही अनुमति पत्र में संशोधन कर दूसरा पत्र जारी किया। जिसमें राजनीतिक भाषण करने की अनुमति दी गई है। वहीं धर्मविरोधी भाषण प्रतिबंधित किया है। कांग्रेस के विरोध का असर हुआ कि प्रशासन ने एक ही दिन में आदेश वापस ले लिया । यानी कहा जा सकता है कि बीजेपी अब राहुल गांधी की आवाज़ नहीं दबा पा रही है।
