Raghav Chaddha ने देश की आजादी के बाद विभाजन की विभीषिका का भी जिक्र किया, पाकिस्तान के पंजाब में चले गए गुरुद्वारा साहिब गिनाए और इनके दर्शन-दीदार के लिए, मत्था टेकने के लिए सरकार से कदम उठाने की मांग की. उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे पर बोलने वाला हूं, वह आस्था से जुड़ा हुआ मुद्दा है.
Raghav Chaddha ने कहा कि 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ
सिर्फ देश के ही दो टुकड़े नहीं हुए, दो टुकड़े हमारे सूबे पंजाब के भी हुए. लाखों पंजाबियों का खून बहा जिसमें हमारा परिवार भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें हमारा परिवार भी शामिल है. हमारे कई अपने, कई रिश्तेदार हमसे बिछड़ गए.
सबसे बड़ी बात कि हमारे गुरुद्वारा साहिब हमसे बिछड़ गए. राघव चड्ढा ने करतारपुर साहिब से पंजाब साहिब तक, पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारों के नाम गिनाए और कहा कि इनमें एक बड़ी मुकद्दस जगह है जहां श्रीगुरुगोविंद सिंह जी का प्रकाश हुआ, श्री ननकाना साहिब.
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Raghav Chaddha ने कहा कि ये लाहौर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है.
राघव चड्ढा ने कहा कि जिस तरह से करतारपुर कॉरिडोर बनाकर संगत को दर्शन-दीदार का, मत्था टेकने का अवसर मिला, उसी प्रकार ननकाना साहिब के लिए दोनों देशों की सरकार मिलकर कॉरिडोर बनाएं जिससे श्रद्धालु वहां जा सकें. उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब के खुले दर्शन के लिए जाने के लिए कोई वीजा, पासपोर्ट, फी या किसी कॉम्प्लिकेटेड फॉर्म की जरूरत ना पड़े. इसके लिए एक सरल प्रक्रिया हो.
Raghav Chaddha ने कहा कि अमृतसर के अटारी वाघा बॉर्डर से श्रीननकाना साहिब की दूरी लगभग 104 किलोमीटर है जिसे बड़ी आसानी से बस-गाड़ी से दो-ढाई घंटे में बड़े ही आराम से तय की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अमृतसर से लाहौर होते हुए ननकाना साहिब तक जाने वाले रास्ते को सेफ पैसेज बनाया जाए.
राघव चड्ढा ने कहा कि इसके लिए जो भी सहयोग होगा, आम आदमी पार्टी की सरकार करने के लिए तैयार है. इससे दुनिया में भाईचारे का एक बड़ा संदेश जाएगा और करोड़ो संगत की दुआएं दोनों देश की सरकारों को मिलेंगी.