OMG! 12 घंटे की surgeryके बाद छाती और पेट से जुड़ी जुड़वां बच्चियों को किया अलग, ऐेसे हालत है अब
surgeryडॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है ऐसा देखना को मिला. एक बच्ची के की छाती और पेट एक साथ जुड़ी थी.
डॉक्टरों की टीम ने छाती और पेट के उपरी हिस्से से आपस में जुड़ी दो जुड़वां बहनों -ऋिद्धि और सिद्धि को सकुशल अलग करने में सफलता हासिल की.
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने इतिहास रच डालास है.surgery
बालचिकित्सा surgery विभाग के प्रमुख डॉ मीनू बाजपेयी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बरेली की दीपिका गुप्ता जब चार महीने की गर्भवती थीं तभी पता चल गया था कि उनके गर्भ में छाती और पेट से आपस में जुड़े जुड़वां बच्चे हैं. उन्होंने बताया
कि बाद में उन्हें इलाज के लिए एम्स जाने की सलाह दी गयी क्योंकि स्थानीय स्तर पर उन्नत चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं. ये दोनों बच्चियां पिछले साल सात जुलाई को जन्मीं और दोनों पांच महीने तक गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रहीं. उन्हें 12 घंटे तक चली surgery के बाद एक दूसरे से अलग किया गया. दोनों बच्चियों का पहला जन्मदिन अस्पताल में ही मनाया गया.
डॉक्टरों ने बताया, बच्चियों को अलग करना कितनी मुश्किल थी
बाल चिकित्सा. surgeryके अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ प्रबुद्ध गोयल ने कहा, यह विसंगति अजीब थी जहां पसलियां, यकृत, डायफ्रॉम आदि आपस में मिले हुए थे. दोनों के हृदय एक दूसरे के बिल्कुल करीब थे यानी करीब-करीब स्पर्श कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इन बच्चियों का 11 महीने की उम्र में ऑपरेशन किया गया
जब वे सर्जरी की क्रिया को बर्दाश्त करने की स्थिति में पहुंच गयी थीं. डॉ बाजपेयी ने कहा कि यह सर्जरी एम्स के नये मातृ एवं बाल खंड में ‘जनरल एनीस्थेसिया’ के प्रभाव में किया गया तथा सर्जरी में नौ घंटे लगे एवं यदि सर्जरी पूर्व एवं पश्चात एनीस्थेसिया की अवधि को जोड़ दिया जाए तो यह करीब साढ़े बारह घंटे की अवधि है.
अन्य समाचारों के लिए क्लिक करें
बच्चियों के माता-पिता ने डॉक्टरों की टीम को दिया दिल से धन्यवाद surgery
ये दोनों बच्चियां अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन वे अब ठीकठाक स्थिति में हैं. उनके माता-पिता दीपिका और अंकुर गुप्ता राहत की सांस ले रहे हैं और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. दंपति ने बच्चियों को बचाने के लिए चिकित्सकों को खुले दिल से धन्यवाद दिया है. दीपिका ने कहा, जब यह surgery की गयी तब हम बहुत चिंतित थे. लेकिन ईश्वर और चिकित्सकों को धन्यवाद कि हमारी बच्चियों को एक नया जीवनदान मिला.
इससे पहले भी डॉक्टरों ने कर दिखाया कमाल
यह पहली बार नहीं है, जब जुड़वां बच्चों को डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी कर अलग जीवन प्रदान किया हो. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. पिछले साल ब्राजील के डॉक्टरों ने दो सिर, तीन हाथ और दो दिल वाले जुड़वां बच्चे को अलग किया था और उन्हें नयी जिंदगी प्रदान की थी.
डॉक्टरों की टीम को 7 सर्जरी से गुजरना पड़ा था. इन बच्चों की ये सर्जरी ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल के बाल रोग सर्जन नूर उल ओवासे जिलानी की निगरानी की गई थी. सर्जरी पूरी होने में करीब 33 घंटे का समय लग गया था. जिसमें करीब 100 मेडिकल स्टाफ की टीम लगी हुई थी.
कैसे पैदा होते हैं एक साथ जुड़े हुए बच्चे
गर्भावस्था के कुछ हफ्तों में फर्टिलाइज्ड एग दो अलग-अलग भ्रूण में बंट जाते हैं. जिसके बाद उसमें अंगों के बनने का काम शुरू होता है. जिससे जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं. हालांकि कभी-कभी यह काम बीच में ही रुक जाता है, जिसके बाद कंज्वाइंड ट्विन्स पैदा होते हैं.
He has 18 years of experience in journalism. Currently he is the Editor in Chief of Samar India Media Group. He lives in Amroha, Uttar Pradesh. For contact samarindia22@gmail.com