Nepal Earthquakeनेपाल में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है।
Nepal Earthquake जानकारी के मुताबिक नेपाल में अबतक 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब नेपाल भूकंप की मार झेल रहा है। नेपाल में हमेशा भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं क्योंकि इसके पीछे एक भौगोलिक कारण है।
Nepal Earthquake नेपाल में आए भूकंप में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
मलबे में दबे जीवित व मृत लोगों के शरीर को अब भी बाहर निकाला जा रहा है। नेपाल में आए इस भूंकप की तीव्रता 6.4 मापी गई। इस भूकंप का असर भारत में भी देखने को मिला और कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस हुए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नेपाल में ही इतना अधिक भूकंप क्यों आता है। दरअसल इसके पीछे एक भौगोलिक जानकारी जिसे हमने स्कूल के टाइम पर पढ़ा तो जरूर होगा लेकिन कभी ध्यान नहीं दिया होगा कि आखिर नेपाल में ही इतने ज्यादा भूकंप क्यों आते हैं।
Nepal Earthquake दरअसल भूगोल की किताब में जब ज्वालामुखी और टेक्टोनिक प्लेट के विषय की हम पढ़ाई करते हैं
तो पता चलता है कि हिमालय दो टेक्टोनिक प्लेटों के घर्षण से बना है जो कि एक ज्वालामुखी पर्वत है। जब एक टेक्टोनिक प्लेट नीचे और दूसरा टेक्टोनिक प्लेट घर्षण से ऊपर जाता है तो ज्वालामुखी व पहाड़ बनते हैं और उस क्षेत्र के आसपास के इलाकों में भूकंप देखने को मिला है। भूगोल के हिसाब से सातों महाद्वीप से पूर्व एक ही भूभाग हुआ करता था जिसे पैंजिया कहते थे। पैंजिया जब टूटने लगा तो कई महाद्वीप बन गए।
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Nepal Earthquake इन महाद्वीपों के भूभांग पर कई देश बसे हैं।
इनमें से ही एक देश है नेपाल जो हिमालय की गोद में बसा हुआ है। दरअशल नेपाल ऑस्ट्रेलिया और यूरेशियन प्लेट के बीच के भूभाग पर बसा है। ऐसे में जब दोनों टेक्टोनिक प्लेटों में घर्षण या टक्कर होती है तो नेपाल में भूकंप के झटके महसूस होते हैं। जानकारी के मुताबाकि हर साल 5 सेमी की दर से ये दोनों टेक्टोनिक प्लेट एक दूसरे पर चढ़ रही हैं। इस कारण बार.बार नेपाल में भूकंप देखने को मिलता है। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2015 में नेपाल में भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस दौरान नेपाल में करीब 8 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
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