जयपुर। राजस्थान में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। ये बात केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बुधवार को राजकीय महाविद्यालय, सांगानेर में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वर्षा जल संचयन के कार्यों के भूमि पूजन के अवसर पर कही है। इस दौरान उन्होंने कहा 70 हजार करोड़ रुपए लागत की इस परियोजना में राज्य सरकारों पर मात्र 10 प्रतिशत ही वित्तीय भार आएगा और 90 प्रतिशत अंशदान केन्द्र सरकार देगी। यमुना जल समझौते से शेखावाटी क्षेत्र की जल समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा।
सीआर पाटिल ने कहा है कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में Modi government और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। आमजन भी जल की एक-एक बूंद के महत्व को समझते हुए जल संचय में जुड़े, इस उद्देश्य से शुरू किया गया ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।
Modi government किसानों के साथ सुरक्षा कवच की तरह खड़ी है: अमित शाह
सीआर पाटिल ने कहा कि राजस्थान के लोगों से अधिक पानी के महत्व को कोई नहीं समझ सकता है। पहले के समय में राजस्थानी लोग जहां भी जाते थे वहां प्याऊ बनवाते थे, लेकिन अब प्याऊ की जगह धरती की प्यास बुझाने के लिए वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनवाने की जरूरत है ताकि हर गांव का पानी गांव में, हर खेत का पानी खेत में और हर घर का वर्षा जल घर में ही जमीन में उतर सके।
