Manipur CM एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया, जिससे राज्य में राजनैतिक हलचल मची हुई है। इस पदत्याग ने मणिपुर की राजनीतिक दिशा को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। सुरक्षा एजेंसियों को हाईअलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले साल के अंत में मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने जनता से माफी मांगी थी।
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Manipur CM ने बताया, यह पूरा साल बेहद खराब रहा
उसी स्मरण में बीरेन सिंह ने बताया, मैं राज्य के लोगों से 3 मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और कई ने अपना घर छोड़ दिया। उन्होंने आगे कहा कि पिछले तीन-चार महीनों में शांति की स्थिति देखकर उन्हें उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
Manipur CM आज ही नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा से मुलाकात की
बता दें कि एन बीरेन सिंह आज ही नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राजधानी इंफाल में राज्यपाल से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहे जाने के बाद एन बीरेन सिंह की ये इस्तीफा सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक सिंह पार्टी के अंदर और बाहर से दबाव का सामना कर रहे थे।
बता दें कि कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी ने पहले ही भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया था। वहीं ऐसी भी बात कही जा रही थी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले भाजपा विधायक फ्लोर टेस्ट होने पर कहीं अपनी ही पार्टी का साथ ना छोड़ दे। मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 32 विधायक हैं, साथ ही नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच और जेडी(यू) के छह विधायकों का भी समर्थन है। मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं, जबकि विपक्षी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के पास सात विधायक हैं। इसके अलावा, तीन निर्दलीय विधायक और कुकी पीपुल्स अलायंस के दो सदस्य हैं।