डॉक्टरों ने Dallewal का इलाज करने से किया इनकार

संगरूर: खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह Dallewal का इलाज करने वाली राजिंदरा अस्पताल, पटियाला की टीम बुधवार शाम अपनी ड्यूटी छोड़कर वापस चली गयी। डॉक्टरों की टीम ने सिविल सर्जन, पटियाला डाॅ. दविंदरपाल सिंह को लिखे पत्र में किसान नेताओं पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए डल्लेवाल का इलाज करने से इनकार कर दिया। हालांकि, किसान नेताओं ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप हैं।
दरअसल, सुबह Dallewal ने ड्रिप लगवाने से इनकार कर दिया था। बताया गया कि इस दौरान कुछ किसान नेताआें ने डॉक्टर से दुर्व्यवहार किया। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। सिविल सर्जन डाॅ. दविंदरपाल सिंह के नेतृत्व में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने डल्लेवाल को ग्लूकोज ड्रिप लगाई। डीएसपी इंद्रपाल सिंह चौहान ने कहा कि ग्लूकोज लगाने वाला डॉक्टर दक्षिण भारत से संबंधित था और उनकी भाषा नहीं समझता था। वहीं, मोर्चे के प्रमुख नेता काका सिंह कोटड़ा ने स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. बलवीर सिंह से फोन पर बात की। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकारी डॉक्टर Dallewal का इलाज करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें बताया जाना चाहिए। इस बीच, इलाज के लिए नयी टीम पहुंची, लेकिन वह भी शाम को लौट गयी।

आमरण अनशन : Dallewal की हालत बिगड़ी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नयी ट्रॉली में किया शिफ्ट
Dallewal को बुधवार को नयी ट्रॉली में शिफ्ट किया गया। इसके 20 फीट लंबे व आठ फीट चौड़े कैबिन को साउंड प्रूफ बनाया गया है। इसमें शौचालय, रसोईघर, हीटर, गीजर का भी इंतजाम है। चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था भी है। नयी ट्राॅली में शिफ्ट होने से पहले Dallewal कुछ देर खुली हवा व धूप में रहे। उन्होंने कहा कि तीन दिन के इलाज के बाद उनकी सेहत में कुछ सुधार हुआ है। डल्लेवाल ने कहा कि 14 फरवरी की बैठक में वह शामिल हो पाएंगे या नहीं, यह उनका स्वास्थ्य और समय ही बताएगा, लेकिन बैठक के लिए तैयार रहना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी सलाह- पीजीआई जायें डल्लेवाल
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा चिकित्सा सहायता लेने और प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा केंद्र के साथ वार्ता करने पर सहमति जताए जाने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​कार्यवाही पर सुनवाई फरवरी तक के लिए टाल दी। जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने ‘सकारात्मक घटनाक्रम’ का स्वागत करते हुए केंद्र के साथ किसानों की 14 फरवरी की बैठक से पहले Dallewal को पीजीआई चंडीगढ़ जाकर जांच व इलाज करवाने की सलाह दी।

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