Bijli Chori : बिजली चोरी करने वालों की खैर नहीं है मिनटों में सरकार पता लगा लेगी।

Bijli Chori : बिजली चोरी करने वालों की खैर नहीं है मिनटों में सरकार पता लगा लेगी। Bijli Chori रोकने के लिय सरकार नई तकनीक की मशीन लगाने जा रही …

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Bijli Chori : बिजली चोरी करने वालों की खैर नहीं है मिनटों में सरकार पता लगा लेगी।

Bijli Chori रोकने के लिय सरकार नई तकनीक की मशीन लगाने जा रही है जिससे बिजली चोरी की जानकारी तुरन्त मिल जाएंगी। बीएसईएस ने इस संबंध में अमेरिकी कंपनी बिजेले के साथ करार किया है। एक ऐसी आर्टिफिशियल व मशीन लर्निंग तकनीक विकसित कर रही है जो बिजली चोरी के हर राज को खोल देगी।

 

अपने पुलिस स्टेशन को जानें एक क्लिक पर

बीएसईएस इलाके में बिजली की चोरी यानी एटीएंडसी लॉस घटकर लगभग विकसित देशों के बड़े शहरों के स्तर-7 प्रतिशत के करीब आ गया है। लेकिन, अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र में हैं, जहां बिजली की चोरी हो रही है. इन इलाकों में बिजली की चोरी रोकने के लिए बिजेले के प्रॉपराइटरी अप्लाएंस इलेक्ट्रि‍कल सिग्नेचर रिकग्निशन एल्गोरिद्म का इस्तेमाल किया जाएगा. यह तकनीक बताएगी कि डिस्कॉम को किस गली के किस घर में बिजली चोरी की जांच करनी चाहिए।

 

Bijli Choriका पता लगाने के अलावा,

इन मशीन लर्निंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीकों से बिजली की और बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। ये तकनीकें विभिन्न डेटा के आधार एक दिन पहले ही बता देगी कि कल बीएसईएस क्षेत्र में बिजली की कितनी डिमांड रहने वाली है। इस अनुमान के आधार पर तर्कसंगत करीके से एक दिन पहले ही कल के लिए बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की जा सकेगी, जिससे उपभोक्ताओं को और बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो पाएगी। यही नहीं, बेहतर प्लांनिंग की वजह से बिजली खरीद की लागत में भी कमी आने की संभावना बनेगी।

Bijli Chori

ऐसे पकड़ी जाएंगी Bijli Chori

 

Bijli Choriके बारे में सटीक सूचना देगी। आज ही बता देगी कल कितनी रहेगी बिजली की डिमांड। ईवी के डिटेक्शन व प्रोफाइलिंग में मदद करेगी। बिजली की खपत कम करने में उपभोक्ताओं की सहायता करेगी।

 

बिजली खपत का चलेगा पता

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उपभोक्ताओं को यह भी बताया जा सकेगा कि वे अपने घर में बिजली की खपत को और कम कैसे कर सकते हैं. यह एक कस्टमाइज सर्विस होगी और यह मुख्यतया उपभोक्ताओं की बिजली खपत पैटर्न, इस्तेमाल हो रहे बिजली उपकरणों की उम्र, उनकी स्टार रेटिंग, कमरों के आकार, इस्तेमाल का तरीका, आदि चीजों के अध्ययन पर आधारित होगी.

सचिवालय

इस पहल को पहले बीआरपीएल के दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में शुरू किया जाएगा. इसके परिणामों को देखते हुए इसे बाद में पूर्वी व मध्य दिल्ली में भी शुरू किया जा सकता है. एमओयू के तहत बीआरपीएल और बिजेले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधानों को विकसित करने और उन पर अमल करने की दिशा में कार्य करेंगे।

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