aaj ka panchang 7 सितंबर 2023: जन्माष्टमी पर इस समय करें श्री कृष्ण की पूजा , सबसे शुभ मुहूर्त

aaj ka panchang 7 september 2023 panchang in hindi :श्रीकृष्ण जी भगवान विष्णु जी के अवतार हैं, aaj ka panchang जो तीनों लोकों के तीन…

aaj ka panchang 7 september 2023 panchang in hindi :श्रीकृष्ण जी भगवान विष्णु जी के अवतार हैं,

aaj ka panchang जो तीनों लोकों के तीन गुणों सतगुण, रजगुण तथा तमोगुण में से सतगुण विभाग के प्रभारी हैं। भगवान का अवतार होने के कारण से श्रीकृष्ण जी में जन्म से ही सिद्धियां उपस्थित थी। उनके माता पिता वसुदेव और देवकी जी के विवाह के समय मामा कंस जब अपनी बहन देवकी को ससुराल पहुँचाने जा रहा था तभी आकाशवाणी हुई थी जिसमें बताया गया था कि देवकी का आठवां पुत्र कंस का अन्त करेगा। अर्थात् यह होना पहले से ही निश्चित था अतः वसुदेव और देवकी को कारागार में रखने पर भी कंस कृष्ण जी को नहीं समाप्त कर पाया।

 

aaj ka panchang मथुरा के बंदीगृह में जन्म के तुरंत उपरान्त, उनके पिता वसुदेव आनकदुन्दुभि कृष्ण को यमुना पार ले जाते हैं, जिससे बाल श्रीकृष्ण को गोकुल में नन्द और यशोदा को दिया जा सके।

जन्माष्टमी पर्व लोगों द्वारा उपवास रखकर, कृष्ण प्रेम के भक्ति गीत गाकर और रात्रि में जागरण करके मनाई जाती है। मध्यरात्रि के जन्म के उपरान्त, शिशु कृष्ण की मूर्तियों को धोया और पहनाया जाता है, फिर एक पालने में रखा जाता है। फिर भक्त भोजन और मिठाई बांटकर अपना उपवास पूरा करते हैं।  महिलाएं अपने घर के द्वार और रसोई के बाहर छोटे-छोटे पैरों के चिन्ह बनाती हैं जो अपने घर की ओर चलते हुए, अपने घरों में श्रीकृष्ण जी के आने का प्रतीक माना जाता है।

 

जन्माष्टमी उत्तर भारत के ब्रज क्षेत्र में सबसे बड़ा त्योहार है, मथुरा जैसे नगरों में जहाँ श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था, और वृन्दावन में जहाँ वह पले-बड़े थे।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखण्ड, हिमाचल और पंजाब के सभी नगरों और गाँवों में जन्माष्टमी विशेष रूप से मनाते हैं।  हिन्दू मन्दिरों को सजाया और जगमगाया जाता है जो दिन में कई आगन्तुकों को आकर्षित करते हैं। बहुत से कृष्ण भक्त भक्ति कार्यक्रम आयोजित करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।भक्तजन मिठाई- प्रसाद आदि बाँटते हैं।

 

त्योहार सामान्य रूप से वर्षा ऋतु में पड़ता है जब ग्रामीण क्षेत्रों में खेत उपज से लदे होते है। और ग्रामीण लोगों के पास हर्षोल्लास मनाने का बहुत समय होता है।

 

उत्तरी राज्यों में, जन्माष्टमी को रासलीला परम्परा के साथ मनाया जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “हर्षोल्लास का खेल (लीला), सार (रस)”।  इसे जन्माष्टमी पर एकल व समूह नृत्य और नाटक कार्यक्रमों के रूप में व्यक्त किया जाता है, जिसमें कृष्ण से सम्बन्धित रचनाएँ गाई जाती हैं। कृष्ण के बालावस्था की नटखट लीलाओं और राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसङ्ग विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। कुछ पाश्चत्य विद्वानों के अनुसार, यह राधा-कृष्ण प्रेम कहानियाँ दैवीय सिद्धान्त और वास्तविकता के लिए मानव आत्मा की लालसा और प्रेम के लिए हिन्दू प्रतीक हैं

 

इस्कॉन और वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव उदयातिथि यानी 7 सितंबर 2023 गुरुवार को मनाएंगे। यदि आप भी इसी दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव मना रहे हैं तो जानिए आज का पंचांग और दिन एवं रात्रि के शुभ मुहूर्त।

रोहिणी नक्षत्र शुरू- 06 सितंबर 2023, सुबह 09:20.

रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 07 सितंबर 2023, सुबह 10:25.

अष्टमी तिथि प्रारंभ:- अष्टमी तिथि 06 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट पर आरंभ हो रही है।

अष्टमी तिथि समाप्त:- अष्टमी तिथि का समापन 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा।

 

read more

 

दिन के शुभ मुहूर्त:aaj ka panchang

अमृत काल: प्रात: 07:04 ए एम से 08:44 तक।

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:50 तक।

विजय मुहूर्त : दोपहर 02:29 से 03:19 तक।

 

 

 

रात्रि के शुभ मुहूर्त:aaj ka panchang 

सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:38 से रात्रि 07:48 तक।

निशीथ पूजा का समय- 7 सितंबर की रात्रि (8 सितंबर लग जाएगा) 12:02 एएम से 12:48 एएम तक।

पारण का समय- सितम्बर 08 सुबह 06:11 बजे के बाद।

aaj ka panchang
aaj ka panchang

 

7 सितंबर 2023 आज का पंचांग:-aaj ka panchang

शुभ विक्रम संवत्-2080, शक संवत्-1945, हिजरी सन्-1444, ईस्वी सन्-2023

सूर्योदय : प्रात: 06:11 पर

चन्द्रोदय : रात्रि 12:05 पर

संवत्सर नाम-पिंगल

अयन-दक्षिणायण

मास-भाद्रपद

पक्ष-कृष्ण

ऋतु-शरद

वार-गुरुवार

तिथि (सूर्योदयकालीन)-अष्टमी

नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-रोहिणी

योग (सूर्योदयकालीन)-वज्र

करण (सूर्योदयकालीन)-कौलव

लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह

PM Kisan

aaj ka panchang

शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक

राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक

दिशा शूल-दक्षिण

योगिनी वास-ईशान

गुरु तारा-उदित

शुक्र तारा-उदित

चंद्र स्थिति-मिथुन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *