बाल विकास परियोजना कार्यालय बंद होने से आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका बैरंग हुई वापस।
कार्यालय बंद होने से आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं में रोष।
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान। हमेशा चर्चाओं में रहा बार विकास परियोजना कार्यालय आज फिर चर्चाओं में आ गया जब कार्यालय मैं 11:30 बजे तक कोई भी कर्मचारी या अधिकारी नहीं पहुंचा। कार्यालय के मुख्य द्धार पर लटके ताले को देखकर अपने कार्यों से कार्यालय पहुंची दर्जनों आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायक बिना काम हुए वापस लौट गएl
जानकारी के अनुसार बाल विकास परियोजना कार्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहसवान के भवन में काफी समय से चल रहा है बताया जाता है। कि कार्यालय में कार्यालय अधिकारी कभी समय से नहीं आती हैं।उन्होंने कार्यालय का कार्यभार एक प्राइवेट दीपक नाम के व्यक्ति को दे रखा है। जो कार्यालय की देख-रेख करने के साथ ही गोदाम का कार्य वी देखता है।
बताया जाता है। बीते कई दिनों से कार्यालय प्रभारी नहीं आ रही हैं। जिसके कारण कार्यालय पर कार्य के वास्ते आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वापस लौट रही हैं। बताया जाता है। कि कार्यालय पर एक बाबू की पोस्टिंग तो है। परंतु बाबू चंद घंटे बैठकर वापस लौट जाता है। उसने लोगों से स्पष्ट रूप से कहा है। कि वह सहसवान बाल विकास परियोजना कार्यालय में रहना नहीं चाहता आप लोग मेरा स्थानांतरण करा दो मैं इसी प्रकार आता रहूंगा कई आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने बताया उपरोक्त बाबू महेंद्र सिंह कभी-कभी एक या 2 घंटे के लिए ऑफिस आते हैं। और ऑफिस बंद करके चले जाते हैं।
बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहर विभाग उत्तर प्रदेश के बारे में जाने
जबकि बाल विकास परियोजना कार्यालय पर बाल विकास परियोजना अधिकारी के रूप में देवेंद्र सिंह के पास अतिरिक्त कार्यभार है।वह भी एक लंबे समय से कार्यालय पर नहीं आए हैं।कार्यालय पर एकमात्र सुपरवाइजर मंजू वर्मा है। जो अपने आप को बाल विकास परियोजना अधिकारी बताकर आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को धमकाती रहती हैं।
जिससे आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायकों में आक्रोश की भावना पनप रही है।
बात यहीं खत्म नहीं होती कार्यालय पर तैनात सुपरवाइजर ने एक दीपक नाम का प्राइवेट व्यक्ति लगा रखा है। जो धन वसूली का कार्य करने के साथ ही गोदाम से माल उठाने रखबाने के अलावा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को हड़काना अपशब्दों का प्रयोग करना उसकी दिनचर्या में शामिल हैl
कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं ने बताया अगर कोई भी आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका सुपरवाइजर मंजू वर्मा से अपनी समस्या को बताना चाहती है। तो उसे कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती बल्कि उपरोक्त कार्यालय पर सुपरवाइजर द्वारा प्राइवेट रूप से रखे गए दीपक नाम के व्यक्ति से बात करने के लिए अधिकृत किया हुआ है। दीपक नाम का व्यक्ति जो चाहता है। वही कार्यालय में होता है।

कार्यकत्रियों का आरोप है। किस सरकारी अभिलेखों एक प्राइवेट व्यक्ति रख रखाव करता है।अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ होती है तो जिम्मेदारी किसकी होगी इस बाबत सुपरवाइजर मंजू वर्मा से बात करने का प्रयास किया गया तो वार्ता नहीं हो सकीl
वरहाल बाल विकास परियोजना कार्यालय सहसवान बंद रहने से आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आक्रोशित आंगनवाडी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया जिला कार्यक्रम अधिकारी से स्थाई बाल विकास परियोजना अधिकारी की नियुक्ति कराए जाने की मांग की हैl
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