शिक्षा की राह में बने गड्ढे कैसे पढ़ाई करें बच्चे , अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
शिक्षा की राह में बने गड्ढे
कैसे पढ़ाई करें बच्चे , अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
समर इंडिया : अहार संवाददाता
बुलंदशहर के
अहार थाना क्षेत्र के गांव चरौरा में सरकारी स्कूल का मुख्य मार्ग गन्दगी से भरा है । जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे है
जिससे स्कूल की स्थिति ज्यादा खराब हो चुकी है।
कीचड़ भरे रास्ते से ही मजबूरन नोनिहालों को स्कूल जाना पडता है । अभिभावकों ने किया कीचड़ भरे रास्ते को लेकर प्रदर्शन ।
बताते चलें कि
जहांगीराबाद ब्लॉक के गांव चरौरा में ,प्राथमिक, जूनियर हाई स्कूल संचालित हैं।जिसमें करीब 250 छात्र,छात्रायें शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं।
स्कूल तक पहुंचने वाले रास्ता में हमेशा कीचड़ ही भरी रहती है। बच्चे और शिक्षक इसी कीचड़ से गुजरकर स्कूल में प्रवेश करते हैं। प्रधान अध्यापक मंजूर हुसेन ने बताया कि स्कूल का रास्ता बहुत खराब हैं। आस पास घास फूस खड़े है।
जिससे गन्दगी के अंबार है आस पड़ोस के घरों का भी पानी परिसर में आने से स्कूल नही तालाब नजर आने लगा है। जिससे बहुत परेशानी होती है। परिसर में पानी जमा होने के कारण फिसलन शुरू हो गई है बीते दोनों अध्यापिका और बच्चे गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।और परिसर में गन्दगी होने के कारण स्कूल में सर्प भी आये दिन निकलते रहते है। जिससे अनहोनी की आशंका बनी रहती है। जिसकी लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों को अनेको बार दे चुके है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नही हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि
चरौरा के सरकारी स्कूल में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। स्कूल परिसर में गेट नहीं होने के कारण जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है। चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। स्कूल के प्रवेश द्वार पर कीचड़ होने से बच्चे परेशान हैं। अन्य कोई दूसरा रास्ता नहीं होने के कारण प्रतिदिन बच्चों को कीचड़ से चलकर कक्षा में प्रवेश करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी उदयवीर सिंह,योगेंद्र सिंह,मनोज त्यागी,अनिल नेता जी ,प्रह्लाद सिंह,रिंकू केली,अमित,बिनय कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि यहां सिर्फ प्राइमरी स्कूल है। सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। स्कूल तक जाने वाला रास्ता कीचड़ से भरा है। स्कूल प्रबंधन और जनप्रतिनिधि कीचड़ भरे रास्ते पर नहीं दे रहे ध्यान । अगर स्कूल की चार दिवारी हो जाए तो गन्दगी से निजात मिल सकती है ग्राम प्रधान वन्दना ने बताया
स्कूल की हालत ज्यादा खराब है कई बार लिखित शिकायत तहसील,जिला स्तर पर कर चुके है। उच्चाधिकारियो से विकास नही सिर्फ आश्वासन ही मिलता है । जिसका खामियाजा स्कूली बच्चे व ग्रामवासीयों को भुगतना
पड़ रहा है।