Tahawwur Rana को 18 दिन की एनआईए रिमांड पर भेजा

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April 11, 2025

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी की पटियाला हाउस विशेष अदालत ने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड Tahawwur Rana को गुरुवार को 18 दिनों की रिमांड पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दिया। एनआईए ने 20 दिन की रिमांड मांगी थी।

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एनआईए ने राणा को आज इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में दिया था। उसे प्रत्यर्पण की लंबी कार्यवाही के बाद अमेरिका से विशेष विमान से आज ही लाया गया था।

जांच एजेंसी ने Tahawwur Rana को पूछताछ के लिए रिमांड पर रखने के लिए शाम को विशेष अदालत में पेश किया था और 20 दिन की हिरासत में रखने की अर्जी लगाई थी। अदालत ने सुनवाई के बाद अभियुक्त को 18 दिन की रिमांड पर जांच एजेंसी को सौंपने का आदेश पारित किया।

Tahawwur Rana को एनआईए के विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह की अदालत में पेश किया गया

राणा को एनआईए के विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह की अदालत में पेश किया गया। एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने मामले की पैरवी की। राणा की कानूनी सहायता के लिए दिल्ली लीगल सर्विस की ओर से अधिवक्ता पीयूष सचदेव ने दलील दी। स्पेशल एनआईए न्यायाधीश सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और देर रात दो बजे फैसला सुनाया।

एनआईए ने Tahawwur Rana की हिरासत को लेकर अपनी दलीलें पेश की, जिस पर अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपने फैसले में राणा को 18 दिन की रिमांड पर एनआईए को सौंपने को फैसला दिया। इसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए एनआईए मुख्यालय ले जाया जाएगा। पटियाला हाउस अदालत के इर्दगिर्द कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी।

गौरतलब है कि भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के चलते मुंबई हमले के मास्टरमाइंड राणा को अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा द्वारा प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद आखिरकार उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी हो गयी।

वक्तव्य में कहा गया है कि कैलिफोर्निया के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई 2023 को उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके बाद राणा ने नौवीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने एक याचिका, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया। भारत द्वारा अंततः अमेरिकी सरकार से वांछित आतंकवादी के लिए आत्मसमर्पण वारंट प्राप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू की गई।

एनआईए ने स्काई मार्शल, यूएसडीओजे की सक्रिय सहायता से पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी के साथ मिलकर काम किया, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने मामले को सफल निष्कर्ष तक ले जाने के लिए अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया।

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