Pitra Dosh हिंदू धर्म में पूर्वजों का बहुत महत्व दिया जाता है।
Pitra Dosh उनकी आत्मा की शांति के लिए व्यक्ति श्राद्ध पिंडदान जैसे अनुष्ठान करता है। हर महीने की अमावस्या तिथि के अलावा पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों को ही समर्पित माने जाते हैं। इस समय पितरों की आत्मा की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध तर्पण पिंडदान दान.पुण्य आदि करना चाहिए।
नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह माना जाता है कि Pitra Dosh योग बन रहा है। शास्त्र के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है। व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो इन सब दुखों को एक साथ देने की क्षमता रखता है इस दोष को Pitra Dosh के नाम से जाना जाता है।
Pitra Doshकुन्डली का नवां घर धर्म का घर कहा जाता है
यह पिता का घर भी होता है अगर किसी प्रकार से नवां घर खराब ग्रहों से ग्रसित होता है तो सूचित करता है कि पूर्वजों की इच्छायें अधूरी रह गयीं थी जो प्राकृतिक रूप से खराब ग्रह होते है वे सूर्य मंगल शनि कहे जाते है और कुछ लगनों में अपना काम करते हैं लेकिन राहु और केतु सभी लगनों में अपना दुष्प्रभाव देते हैं नवां भाव नवें भाव का मालिक ग्रह नवां भाव चन्द्र राशि से और चन्द्र राशि से नवें भाव का मालिक अगर राहु या केतु से ग्रसित है तो यह पितृ दोष कहा जाता है।
इस प्रकार का जातक हमेशा किसी न किसी प्रकार की टेंसन में रहता है उसकी शिक्षा पूरी नही हो पाती है वह जीविका के लिये तरसता रहता है वह किसी न किसी प्रकार से दिमागी या शारीरिक रूप से अपंग होता है।
पितरों के नाराज होने पर Pitra Dosh लगता है।
पितृदोष के कारण जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है। वहीं कुंडली में पितृ दोष का होना भी कई समस्याएं पैदा करता है। आइएए जानते हैं पितृ दोष से निजात पाने के लिए किए जाने वाले उपाय कौन.से हैं।
Pitra Dosh होने पर मिलते हैं ये संकेत
यदि किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसे अपनी जीवन में कई कष्ट झेलने पड़ते हैं। पितृ दोष के कारण शादी में भी बाधा आती है। ऐसे में विवाह में देरी होती है।
पितृ दोष के कारण वंश वृद्धि रुक जाती है। ऐसे में संतान प्राप्ति में बाधा आती है। साथ ही संतान राह भटक जाता है।
पितृ दोष धन हानि और परिवार की तरक्की में रुकावट का कारण बनता है। कई कोशिशों के बाद भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिल पाती है। पितरों के नाराज होने से व्यक्ति कंगाली की ओर चला जाता है। साथ ही परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
Pitra Dosh के कारण घर में झगड़े होते हैं।
यदि बार.बार बिना कारण के घर में झगड़े हो रहे हों तो यह पितरों की नाराजगी का संकेत होता है। ऐसी स्थिति में कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। पितृ दोष होने के कारण परिवार के सदस्यों के बीच तनाव रहता है। साथ ही कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है। इतना ही नहीं पितृ दोष होने से जातक के रोजगार में बाधा आती है।
Pitra Dosh में करें ये उपाय
Pitra Dosh के लिये उपाय सोमवती अमावस्या को ;जिस अमावस्या को सोमवार हो पास के पीपल के पेड के पास जाइये उस पीपल के पेड को एक जनेऊ दीजिये और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिये पीपल के पेड की और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये और एक सौ आठ परिक्रमा उस पीपल के पेड की दीजिये हर परिक्रमा के बाद एक मिठाई जो भी आपके स्वच्छ रूप से हो पीपल को अर्पित कीजिये।
परिक्रमा करते वक्त रूऊँ नमो भगवते वासुदेवायष् मंत्र का जाप करते जाइये। परिक्रमा पूरी करने के बाद फ़िर से पीपल के पेड और भगवान विष्णु के लिये प्रार्थना कीजिये और जो भी जाने अन्जाने में अपराध हुये है उनके लिये क्षमा मांगिये। सोमवती अमावस्या की पूजा से बहुत जल्दी ही उत्तम फ़लों की प्राप्ति होने लगती है।
राहू गृह
एक और उपाय है कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाये गये लड्डू हर शनिवार को दीजिये। पितर दोष किसी भी प्रकार की सिद्धि को नहीं आने देता है। सफ़लता कोशों दूर रहती है और व्यक्ति केवल भटकाव की तरफ़ ही जाता रहता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति माता काली का उपासक है तो किसी भी प्रकार का दोष उसकी जिन्दगी से दूर रहता है।
लेकिन पितर जो कि व्यक्ति की अनदेखी के कारण या अधिक आधुनिकता के प्रभाव के कारण पिशाच योनि मे चले जाते है वे दुखी रहते है उनके दुखी रहने का कारण मुख्य यह माना जाता है कि उनके ही खून के होनहार उन्हे भूल गये है और उनकी उनके ही खून के द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है। पितर दोष हर व्यक्ति को परेशान कर सकता है इसलिये निवारण बहुत जरूरी है।
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