आतंक का नेटवर्क : Pahalgam attack से फिर उजागर हुए हमास-पाक संबंध

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April 26, 2025

नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन हमास और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के बीच घातक गठबंधन, Pahalgam attack के बाद एक बार फिर उजागर हुआ। खुफिया अधिकारियों ने पहलगाम हमले में चार हमलावरों (जिनमें से दो पाकिस्तान से थे) की रणनीति और अक्टूबर 2023 में इजरायल में हमास के बड़े अटैक में आश्चर्यजनक समानताएं पाई हैं।

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सूत्रों से पता चला है कि सभी चार आतंकवादियों को पीओके में ट्रेनिंग मिली थी। इस इलाके में हमास ने आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शिविरों में एक ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थापित किया, जिसे पूरी तरह से आईएसआई का समर्थन हासिल है।

Pahalgam attack

फरवरी में, इजरायल की कैद से रिहा किए गए हमास नेताओं ने इस्लामाबाद के न्योते पर पाकिस्तान का दौरा किया था और उन्हें लश्कर और जैश आतंकवादियों से मिलने के लिए पीओके ले जाया गया था। हमास नेताओं को रावलकोट की सड़कों पर घोड़ों पर सवार करके मुक्तिदाताओं के रूप में घुमाया गया।

हमास के प्रवक्ता खालिद अल-कद्दौमी और नाजी जहीर के अलावा हमास नेता मुफ्ती आजम और बिलाल अलसलात रावलकोट रैली में मौजूद थे। रैली में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई तल्हा सैफ और दोनों संगठनों के कई अन्य शीर्ष आतंकवादी कमांडर भी शामिल थे।

‘कश्मीर एकजुटता और हमास ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड’ शीर्षक वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश देना था कि कश्मीर और फिलिस्तीन दोनों ही पैन-इस्लामिक जिहाद के विषय हैं। इस दौरान भारत और इजरायल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की गई।

इजराइली राजदूत ने भी क्षेत्र में अशांति को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान की सांठगांठ पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।

Pahalgam attack आतंकवादी संगठन नेटवर्क में काम करते हैं और कई बार वे एक-दूसरे को समर्थन देने के तरीके ढूंढ लेते हैं

भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने 26 फरवरी, 2025 को आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “दुर्भाग्य से, आतंकवादी संगठन नेटवर्क में काम करते हैं और कई बार वे एक-दूसरे को समर्थन देने के तरीके ढूंढ लेते हैं, जो न केवल हमारे क्षेत्र के लिए, बल्कि कई देशों के लिए हानिकारक होता है।”

अजार ने कहा, “उदाहरण के लिए, कुछ सप्ताह पहले ही पीओके में हमास के नेताओं की एक बैठक हुई थी, जो यह बताती है कि किस तरह ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं… जाहिर है, वे अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग कर रहे हैं, जो हमें और आपको आतंकित करना है। इसलिए, यह ऐसी चीज है जिस पर हमें ध्यान देना होगा।”

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