Martyrdom:शहीद की शहादत पर छलके आंसू नम आखों से दी अंतिम बिदाई !

जयपुर। जवान की Martyrdom पर हर कोई की आंखे छलक पड़ी।

Martyrdom जैसे ही गांव में पार्थिव देह पहुंची तो सब बेहाल हो गये। जयपुर ग्रामीण के मनोहरपुर के ग्राम हनुतपुरा के भारतीय सेना के 34वीं राष्ट्रीय राइफल में कार्यरत हवलदार बाबूलाल हरितवाल शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले के हल्लन मजगांव जंगल में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। बाबूलाल की पार्थिव देह रविवार को मनोहरपुर थाने पहुंची।

 

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Martyrdom जहां से राजकीय सम्मान के साथ में हनुतपुरा गांव में अंत्येष्टि के लिए रवाना हुए।

बुजुर्ग पिताजी गुल्लाराम जाट बेटे के शहीद होने का समाचार सुनकर बेहाल हो गया। दो भाइयों में बाबूलाल छोटा है। बड़ा भाई भैरुलाल जाट हनुतपुरा में ही कृषि कार्य करता है।बाबूलाल के शहीद होने का समाचार मिलते ही गांव में शोक की लहर छा गई। बुजुर्ग पिता गुल्लाराम जाट और बड़ा भाई भैरुलाल जाट एक दूसरे को दिलासा देते रहे। शहीद के बड़े भाई भैरुलाल जाट ने कहा कि छोटे भाई के जाने का दुख है, लेकिन फक्र है कि देश के लिए शहीद हुआ है। परिजन रुडमल ने बताया कि

 

 

Martyrdom अवकाश के दौरान शहीद बाबूलाल ने पिता की आंखों का ऑपरेशन करवाया था।

जिससे उन्हें सुविधा हो सके। परिजन रुडमल ने बताया कि अवकाश के दौरान शहीद बाबूलाल ने पिता की आंखों का ऑपरेशन करवाया था। जिससे उनको देखने में सुविधा हो सके। बाबूलाल का 5 मई 1985 को हुआ था और फरवरी 2002 में सेना में भर्ती हुआ था। बाबूलाल की शादी 13 मई 1994 को शाहपुरा निवासी कमलेश के साथ हुई थी। उसके विशाल व विशेष दो पुत्र है।

 

 

 

पत्रिका की खबर के अनुसार कार्यवाहक तहसीलदार सुरेश कुमार देवत ने शहीद के मकान के पास परिजनों से चर्चा कर बाबूलाल की अंत्येष्टि के लिए जगह का चयन किया। परिजनों ने बताया कि उनके स्वयं के निवास के सामने बामनवास रोड पर स्वयं का खाली खेत है, जिसमें अंत्येष्टि होगी। सरपंच व अधिकारी अलर्ट मोड पर रहे।

 

 

 

ग्राम पंचायत खोरा के ग्राम हनुतपुरा के हवलदार बाबूलाल हरितवाल एक माह के अवकाश पर रहने के बाद 29 जुलाई को ही ड्यूटी पर गए थे। शहीद बाबूलाल की शादी 13 मई 1994 को शाहपुरा निवासी कमलेश के साथ हुई थी। उसके दो पुत्र विशाल व विशेष है जो सीकर में रहकर नीट की तैयारी कर रहे हैं।

PM Kisan

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