कर्नाटक । Karnataka High court ने मंगलवार (10 जून) को राज्य को बेंगलुरु भगदड़ मामले में सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब पेश करने की अनुमति दे दी। इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
‘क्या भीड़ का पहले से अनुमान नहीं था’, बेंगलुरु भगदड़ मामले में High Court सख्त; कर्नाटक सरकार से पूछे नौ सवाल
Karnataka High court ने इस हादसे का स्वतः संज्ञान लिया था। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में चार जून को रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने आए फैंस के बीच भगदड़ मची थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई। इस मामले पर अगले दिन हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत इस हादसे के पीछे की वजह का पता लगाना चाहती है।
अदालत जानना चाहती है कि क्या इस हादसे को रोका जा सकता था और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए।मंगलवार को Karnataka High courtसुनवाई के दौरान महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की खंडपीठ के समक्ष बताया कि उन्होंने जवाब दाखिल नहीं किया है।
शशि किरण शेट्टी ने कहा, “न्यायिक आयोग का गठन किया गया है और रिपोर्ट देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। लंबित जमानत याचिकाओं में, जो कुछ भी यहां कहा जाता है, उसका इस्तेमाल वहां आरोपी कर रहे हैं।”
हाई कोर्ट ने पूछा, “क्या आप यह कह रहे हैं कि आप हमारे निर्देशों का जवाब नहीं देंगे?” इस पर महाधिवक्ता ने कहा, “कृपया इसे कल रखें, हम जवाब दाखिल करेंगे। कुछ चीजें हैं”।
Karnataka High court ने पूछा, “क्या आप यह कह रहे हैं कि आप हमारे निर्देशों का जवाब नहीं देंगे?” इस
हाई कोर्ट ने जवाब दाखिल करने में कठिनाई की वजह पूछी, जिस पर महाधिवक्ता ने कहा, “मैं खुली अदालत में नहीं रखना चाहता, हम पूर्वाग्रह से ग्रसित हो जाएंगे। स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट आने दें और ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम पक्षपाती हैं। यह केवल एक महीने का मामला है।”

