अधूरा पुल: तीन दोस्तों की मौत..गूगल मैप बना कातिल
बरेली-बदायूं सीमा पर अधूरे पुल के कारण तीन दोस्तों की जान चली गई।कार सवार तीनों दोस्त गूगल मैप के दिखाए रास्ते पर चल रहे थे। पुल खत्म होते ही उनकी कार 20 फुट नीचे जा गिरी, जिससे तीनों की मौत हो गई।बरेली के फरीदपुर में भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए गुरुग्राम से निकले तीनों दोस्तों ने टोल टैक्स बचाने के लिए रास्ता बदल दिया। मुरादाबाद-बरेली के बजाय बदायूं होकर फरीदपुर जाने का निर्णय लिया। इस दौरान गूगल मैप पर भरोसा भारी पड़ गया। बरेली-बदायूं सीमा पर अधूरे पड़े पुल से उनकी कार 20 फुट नीचे जा गिरी, जिससे तीनों की मौत गई। मृतकों में मैनपुरी के बिछवां निवासी अमित सिंह (38), फर्रुखाबाद के एमादपुर हीरामन निवासी अजीत सिंह (35) और उनके चचेरे भाई नितिन (30) शामिल हैं। हादसे के बाद शादी की रौनक फीकी पड़ गई।सादगी के साथ रस्में निभाई गईं।
पुल से 20 फुट नीचे गिरी कार:-तीन लोग कार से बुलंदशहर, बदायूं होते हुए फरीदपुर पहुंचना चाहते थे, लेकिन अधूरे पुल पर दर्दनाक हादसा हो गया। कार पुल से 20 फुट नीचे गिर गई। पोस्टमार्टम में तीनों की हादसे में मौत होने की पुष्टि हुई। किसी का सिर तो किसी के हृदय व लिवर आदि अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे।रात में ही कर दी गई दुल्हन की विदाई:-रविवार शाम फर्रुखाबाद से कन्या पक्ष के कुछ लोग बरातघर में पहुंचे। दुल्हन के भाई रॉबिन ने वर पक्ष को पहले ही बता दिया था कि बैंड बाजे के बिना बरात ले आएं। इसी के मुताबिक बरात पहुंची और रस्में पूरी कर रात में ही दुल्हन की विदाई कर दी गई। रॉबिन ने बताया कि सोमवार को दुल्हन के दोनों चाचा के शवों का फर्रुखाबाद में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गूगल मैप पर पूरा दिख रहा पुल:-गूगल मैप पर पुल पूरा बना दिखाई दे रहा है। जबकि, पुल निर्माण के कुछ माह बाद ही एप्रोच रोड बह गया था। रामगंगा नदी भी खिसककर फरीदपुर के खल्लपुर गांव की ओर बहने लगी हैं। इससे पुल हवा में लटक रहा है। स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी है, लेकिन बाहर से आ रहे अनजान लोगों के लिए खतरा बना रहता है। इसी वजह से तीन लोगों की जान चली गई।एक महीने पहले ही पिता बने थे नितिन:-राजेश सिंह ने बताया कि उनके, अजीत व नितिन के पिता सगे भाई थे। इस लिहाज से उनके परिवार को बड़ी क्षति हुई है। अजीत के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। जबकि नितिन एक महीने पहले ही पिता बने थे।रिपोर्ट- जयकिशन सैनी