Haryana Budget 2025-26 लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर की खेती करेंगे हरियाणा के किसान

चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए इस बार के Haryana Budget 2025-26 में कई बड़े ऐलान किए हैं। अब प्रदेश में लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान की खेती छोड़ने पर किसानों को अब 7 हजार की जगह 8 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं, पराली प्रबंधन के लिए अनुदान राशि को बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है।

Haryana Budget 2025-26 हर जिले में गौ-अभयारण्य व गौशालाओं को ई-रिक्शा

प्रदेश में 11 उत्कृष्टता केंद्र पहले से काम कर रहे हैं, जबकि तीन और निर्माणाधीन हैं। सरकार अब अंबाला में लीची, यमुनानगर में स्ट्रॉबेरी और हिसार में खजूर की खेती के लिए नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और वे पारंपरिक खेती से हटकर अधिक लाभदायक फसलों की ओर रुख कर सकेंगे।

Haryana Budget 2025-26 किसानों की आमदनी बढ़ेगी और वे पारंपरिक खेती से हटकर अधिक लाभदायक फसलों की ओर रुख कर सकेंगे

गन्ने की कटाई के लिए हार्वेस्टर पर सब्सिडी… गन्ना किसानों को राहत देने के लिए सरकार हार्वेस्टर मशीन पर सब्सिडी देगी। इसके अलावा, सभी मंडियों में फसलों की बिक्री के लिए गेट पास अनिवार्य किया जाएगा और ई-नाम पोर्टल से एकीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

Haryana Budget 2025-26 डेयरी के लिए महिलाओं को एक लाख का ब्याज रहित ऋण
महिला किसानों को डेयरी खोलने पर 1 लाख रुपये तक का ब्याज रहित ऋण मिलेगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए लागू की गई है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए देसी गाय खरीदने पर अनुदान राशि 25 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है। पहले यह सहायता केवल 2 एकड़ भूमि वाले किसानों को मिलती थी, लेकिन अब 1 एकड़ भूमि वाले किसान भी इसका लाभ उठा सकेंगे।

Haryana Budget 2025-26 बीज जांच के लिए हर जिले में टेस्टिंग लैब
फसलों के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में बीज टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी। अभी तक यह सुविधा केवल करनाल, पंचकूला, सिरसा और रोहतक में थी। अब शेष 18 जिलों में भी बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के तहत लैब स्थापित की जाएंगी। हरियाणा में झज्जर, रोहतक, दादरी सहित कई जिलों में लवणीय और क्षारीय भूमि की समस्या है। पिछले साल 62 हजार एकड़ भूमि का सुधार किया गया था। इस बार सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 लाख एकड़ भूमि करने का लक्ष्य रखा है।

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