बार एसो.संस्थापक स्व.बाबू आर.एन.सक्सेना की स्मृति में उनके पुत्र द्वारा पुस्तकालय कक्ष का निर्माण कराना पिता के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि:- जिला जज
मनोज कुमार तृतीय
सहसवान (बदायूँ) जिला जज (एच.जे.एस.) मनोज कुमार तृतीय ने कहा की बार एसोसिएशन सहसवान के संस्थापक स्वर्गीय बाबू राजेंद्र नारायण सक्सेना के पुत्र रविंद्र नारायण सक्सेना द्वारा पिता की स्मृति में बार में एक पुस्तकालय कक्ष का अपने निजी खर्चे पर निर्माण करा कर बार एसोसिएशन को सौंपे जाने को एक अपने पिता को पुत्र की सच्ची श्रद्धांजलि बताया तथा कहा की रविंद्र नारायण सक्सेना ने एक ऐसा सराहनीय कार्य किया है।जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
जिला जज मनोज कुमार तृतीय ने स्वर्गीय श्री राजेंद्र नारायण सक्सेना एडवोकेट बाबूजी की स्मृति में उनके पुत्र नरेंद्र नारायण एडवोकेट द्वारा पुस्तकालय कक्ष का निर्माण कार्य कराए जाने की जमकर सराहना की।तथा उसे एक यादगार कदम बताते हुए प्रशंसा की।
वहीं जिला जज ने वरिष्ठ अधिवक्ता तथा एल्डर कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर अनेक पाल सिंह द्वारा अधिवक्ताओं की मांग एडीजे कोर्ट एक काफी समय से लंबित है।पूर्ण कराए जाने की मांग की तो जिला जज ने कहा कि वह किसी आश्वासन पर भरोसा नहीं करते हैं जो न्यायिक प्रक्रिया है।उसमें वह पूर्ण सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर हैं।आप लोगों की मांग जायज है।मेरे द्वारा आपकी मांग पूर्ण कराने में जो भी सहयोग होगा मैं हमेशा तैयार हूं परंतु किसी आश्वासन पर में विश्वास नहीं करता।
इससे पूर्व बार एसोसिएशन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जिला जज एचजेएस मनोज कुमार(एच.जे.एस.)तृतीय का अधिवक्ताओ ने फूल मलाए पहनाकर भव्य स्वागत किया तत्पश्चात मुख्य अतिथि जिला जज ने नवनिर्मित पुस्तकालय कक्ष पर लगे शिलालेख पटट्टी का पर लगे पर्दे को हटाकर पुस्तकालय कक्ष का उद्घघाटन किया तो सभागार तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा।
इससे बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तथा बार एसोसिएशन के संस्थापक स्वर्गीय श्री बाबू राजेंद्र सक्सेना के पुत्र रविंद्र नारायण सक्सेना ने कहा की उनके पिता ने उन्हें जो विरासत सौंपी वह उसे ताउम्र संभाल कर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि उनके पिता ने गजरौला सहसवान से होकर रोजा शाहजहांपुर तक रेलवे लाइन वर्ष 1977 जिस समय केंद्रीय रेलवे मंत्री मधु दंडवते, थे।उस समय उन्होंने जन सहयोग के माध्यम से रेलवे लाइन मंजूर कराई थी।जिसका पत्र उनके पास आज भी रखा हुआ है।उनके पिता कई वर्षों तक प्रमोद संस्कृत महाविद्यालय के अध्यक्ष रहे साथ ही साथ तीर्थ स्थल सरसोता के लीगल एडवाइजर भी रहे समाज सेवा के क्षेत्र में भी वह हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे पिता ने उन्हें जो विरासत सौपी है।उसको संभाल कर रखना मेरा अपना दायित्व है।अपने दायित्व को मैं कभी नहीं भूलूंगा जो एक पिता ने मुझे सौपे हैं।रविंद्र नारायण सक्सेना ने अपने पिता के कई स्मरणीय यादगारो पर भी प्रकाश डाला जिसकी कार्यक्रम में बैठे हुए अतिथियों ने जमकर सराहना की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला जज मनोज कुमार एच.जे.एस.तृतीय को एल्डर कमेटी अध्यक्ष ठाकुर अनेक पाल सिंह पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष रविंद्र नारायण सक्सेना तथा बार एसोसिएशन अध्यक्ष अतर सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तो वहीं पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष जितेंद्र सिंह यादव ने मुख्य अतिथि को शाल उड़ाकर सम्मानित किया तत्पश्चात अधिवक्ताओं ने प्रथम अपर जनपद न्यायाधीश एस. एन.श्रीवास्तव मुख्य दंड अधिकारी सी.जे एम.जे.एम. सहसवान अभिषेक कुमार सिंह ए.जे.एम. दिव्य प्रकाश निमेष एपीओ सहसवान को फूल मलाए पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता नेम सिंह यादव, श्याम कुमार गुप्ता,अतुल सक्सेना, नीरज महेश्वरी, सरफराज उर्फ नवेद, अक्षय सक्सेना,सनी मिश्रा, संदीप कुमार सक्सेना,आसिम अली,राजकुमार सक्सेना,रविंद्र अग्निहोत्री,सुशील सैनी,सैय्यद जावेद इकबाल नकवी,अशोक कुमार सैनी,राम भरोसे,हरिओम गुप्ता,मजाहिर हुसैन,समसुल हसन,रागिब अली,मोहम्मद हनीफ,मोहम्मद सोहेल, मोहम्मद अलीम,महिला अधिवक्ता पिंकी सक्सेना,सफी मोहम्मद,अब्दुल आसिफ, उसामा अंसारी,बादाम सिंह सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम कुमार सक्सेना ने किया।
रिपोर्ट-एस.पी सैनी(समर इंडिया)