चंडीगढ़ में ‘Chitra Bharati Film Festival’ के समापन समारोह में इस आशय की घोषणा
श्री ठाकुर ने कहा कि इस क्षेत्र के फिल्म निर्माता अपनी-अपनी फिल्मों के लिए सीबीएफसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए दिल्ली या मुंबई जाए बिना ही अपनी-अपनी फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ-साथ उनमें विभिन्न कट्स/संशोधनों को प्रस्तुत करने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम से पंजाबी फिल्म उद्योग को और भी अधिक मजबूती मिलेगी।
मंत्री महोदय ने यह भी कहा, “आज भारत को एक कंटेंट हब के रूप में देखा जा रहा है और भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की शूटिंग व फिल्म निर्माण के बाद की प्रक्रिया दोनों ही के लिए पसंदीदा देश बनता जा रहा है। समानांतर रूप से हमारे अपने कंटेंट को दुनिया भर में काफी सराहा जा रहा है।”
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Chitra Bharati Film Festival हर साल दुनिया में बनने वाली 2500 फिल्मों में से आधे से अधिक भारत में बनती हैं
, केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “फीचर फिल्मों से लेकर वृत्तचित्र और लघु फिल्मों से लेकर धारावाहिकों तक, भारतीय सिनेमा आज जीवन के हर रंग को अपने कैनवास पर चित्रित कर रहा है और स्थानीय कहानियों को वैश्विक स्तर पर पहुंचा रहा है।” इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म किस भाषा में बनाई जा रही है। जब तक कंटेंट दिलचस्प रहेगा, तब तक उसके प्रशंसक हमेशा बने रहेंगे।”
ठाकुर ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि पंजाब में बनने वाली फिल्मों में भी अपार संभावनाएं हैं। इसलिए, सरकार ने चंडीगढ़ में एक सीबीएफसी का सुविधा कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि प्रमाणन हासिल करने की प्रक्रिया आसान हो और फिल्म को पूरा करने की प्रक्रिया तेज हो।”
केन्द्रीय मंत्री ने विशेष रूप से दिव्यांग फिल्म प्रशंसकों के लिए सिनेमाघरों को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में सरकार द्वारा की जा रही विभिन्न पहल के बारे में भी बात की। सरकार ने इस संबंध में एक नया दिशानिर्देश तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न हितधारकों से पहले ही टिप्पणियां आमंत्रित की हैं ताकि श्रवण एवं दृष्टिबाधित लोगों को अन्य लोगों की तरह ही फिल्म का आनंद लेने का अवसर मिल सके।
“इस देश के सभी नागरिकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण रहा है। विकलांग के बजाय दिव्यांग कहने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। उनके द्वारा अभिव्यक्त की गई रुचि के कारण ही सरकार ने प्रत्येक फिल्म के दिव्यांगों के लिए उपयुक्त संस्करण को जारी करने का दायित्व अपने ऊपर लिया है।”
“पायरेसी के खतरे पर बोलते हुए, श्री ठाकुर ने कहा, “हमने हाल ही में फिल्म पायरेसी को रोकने के लिए सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में बहुत सार्थक बदलाव किए हैं। आज, पायरेसी को रोकने के लिए हमारे सभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) केंद्रों पर विशेष नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं।
देश भर में 12 नोडल अधिकारी पायरेसी के खिलाफ शिकायतें प्राप्त करेंगे और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पायरेटेड कंटेंट को हटाने के निर्देश देंगे। शिकायत मिलने के 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी। पायरेसी न केवल फिल्म उद्योग के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है।”
Chitra Bharati Film Festival रिपोर्ट्स के मुताबिक, पायरेसी की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
श्री ठाकुर ने Chitra Bharati Film Festival के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा, “युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने और उन्हें हमारे देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रतिबिंबित करने वाली सार्थक फिल्में बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए किए जा रहे प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। मैं इसे देखने के लिए उत्सुक हूं। इनमें से कई फिल्में निकट भविष्य में दुनिया भर के प्रमुख फिल्म महोत्सवों में प्रदर्शित होंगी।”
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