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आईजीआरएस प्रकरण डिफॉल्टर होने पर होगी कार्रवाई..

आईजीआरएस प्रकरण डिफॉल्टर होने पर होगी कार्रवाई..

प्राथमिकता पर करें आईजीआरएस प्रकरणों का निस्तारण

बदायूँ। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को अवगत कराया है कि आम जनमानस की शिकायतों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।प्रत्येक शिकायत/सन्दर्भ निस्तारण की समीक्षा निरन्तर उच्च स्तर पर की जा रही है तथा निस्तारण की समयबद्धता एवं गुणवत्ता के आधार पर जनपदों की रैंकिग निर्धारित की जाती है।
उन्होंने बताया कि विगत समय से यह देखने में आ रहा है कि कतिपय विभागों द्वारा सन्दर्भों का निस्तारण समय रहते न करके डिफॉल्टर होने के दिनांक को ही सांयकाल में किया जाता है, जिससे निस्तारण की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है और कभी कभी असन्तोषजनक फीडबैक प्राप्त होने से जनपद की रैंकिग पर भी कुप्रभाव पडता है। यह स्थिति किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि सन्दर्भों के निस्तारण की गुणवत्ता एवं समयबद्धता को लेकर उनके द्वारा तथा अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा निरन्तर निर्देश दिये जाते रहे हैं। किन्तु इसके पश्चात भी आईजीआरएस सन्दर्भों का समयबद्ध रूप से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न किये जाने से स्पष्ट है कि कतिपय अधिकारीगण/विभागों द्वारा इस ओर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक आईजीआरएस सन्दर्भ का निस्तारण प्रत्येक स्थिति में डिफॉल्टर होने के दिनांक से कम से कम तीन दिवस पूर्व गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित किया जाये तथा प्रत्येक निस्तारण आख्या पर शिकायतकर्ता का पक्ष सुनकर उसके हस्ताक्षर एवं मोबाइल नम्बर अंकित किया जाये।
उन्होंने कहा कि निस्तारण के साथ आवश्यकतानुसार यथासम्भव स्थल के फोटोग्राफ भी संलग्न/अपलोड किये जायें तथा निस्तारण आख्या उनके कार्यालय स्तर से पूर्व में प्रेषित प्रारूप पर ही उपलब्ध कराई जाये। सन्दर्भ के डिफॉल्टर होने अथवा निस्तारण अपूर्ण या त्रुटिपूर्ण होने के कारण असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने व जनपद की रैंकिग प्रभावित होने को अत्यन्त गम्भीरता से लिया जायेगा।समर इंडिया..

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