नई दिल्ली। AAP MP Ashok Kumar Mittal ने सोमवार को राज्यसभा में ‘इलाहाबाद’ नाम पर अपना एतराज जताया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल ने बताया कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि शहर का नाम तो प्रयागराज हो गया है लेकिन कोर्ट और विश्वविद्यालय के नाम में अभी भी इलाहाबाद है।
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राज्यसभा में बोलते हुए AAP MP Ashok Kumar Mittal ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ, इंडियन पीनल कोड को भारतीय न्याय संहिता और इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को एक ऐतिहासिक कदम बताया। गौरतलब है कि ये परिवर्तन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए गए हैं।
AAP MP Ashok Kumar Mittal प्रयागराज जाकर महाकुंभ में स्नान करने का अवसर मिला था
AAP MP Ashok Kumar Mittal ने कहा कि कुछ दिन पूर्व उन्हें प्रयागराज जाकर महाकुंभ में स्नान करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि यहां उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि शहर का नाम तो प्रयागराज हो गया लेकिन वहां हाईकोर्ट का नाम अभी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट है। इसी तरह वहां स्थित प्रसिद्ध विश्वविद्यालय का नाम आज भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं वहां लोकसभा क्षेत्र का नाम भी इलाहाबाद है न कि प्रयागराज।
राज्यसभा में बोलते हुए AAP MP Ashok Kumar Mittal ने ब्रिटिश काल के नामों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन का शोषण सहा है। राजनीतिक स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी हमारे हाईकोर्ट, हमारे अस्पताल, हमारे विश्वविद्यालय व कई ऐतिहासिक इमारतें ब्रिटिश नामों पर हैं। उन्होंने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ, इंडियन पीनल कोड को भारतीय न्याय संहिता और इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके एक राष्ट्रवादी सोच का परिचय दिया गया है।
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने प्रश्न किया कि क्या इतना कर देना काफी है। मित्तल ने कहा कि आज भी हमारे कई हाईकोर्ट जैसे मुंबई हाईकोर्ट, मद्रास हाईकोर्ट, कोलकाता हाईकोर्ट ब्रिटिश काल के नाम को ढो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मिंटो रोड, हेली रोड, चेम्सफोर्ड रोड ब्रिटिश नामों को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लेफ्टिनेंट एडवर्ड्स की कब्र है जिसने 1857 की क्रांति में भारतीयों को बुरी तरह कुचला था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की समाधियों को संरक्षित रखने के लिए हम जनता का पैसा खर्च कर रहे हैं।
AAP MP Ashok Kumar Mittal ने कहा कि कुछ राज्यों में भी इस प्रकार के मुद्दे हैं, इसके लिए वह राज्यों के मुख्यमंत्री को अलग से पत्र लिखेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे कि पश्चिम बंगाल में कलकत्ता यूनिवर्सिटी और तमिलनाडु में मद्रास यूनिवर्सिटी है। ऐसे अन्य भी कई स्थान हैं जिसके लिए वह इन राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि एक संसदीय समिति बनाई जाए जो ब्रिटिश नामों वाले संस्थाओं की पहचान करें।