नयी दिल्ली: Rajiv Ranjan : जनता दल-यूनाइटेड(जदयू)ने कहा है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शिता पूर्ण निर्णयों से पर्यावरण संरक्षण के साथ ही विकास संभव हुआ है और राज्य की वैश्विक पहचान बनी है।
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जदयू के प्रवक्ता Rajiv Ranjan ने गुरुवार को यहां कहा कि श्री नीतीश कुमार के दूरदर्शिता पूर्ण निर्णयों की वजह से विकास के साथ पर्यावरण और पारिस्थितिकी के संतुलन का एक अनूठा मॉडल बन चुका है। इसे विश्व के अनेक संगठनों और पत्रिकाओं ने सराहा है। इसी विकास माॅडल के कारण श्री नीतीश कुमार संयुक्त राष्ट्र की एक सभा को भी संबोधित कर चुके हैं।
Rajiv Ranjan ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा इसके कई अन्य दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी दलों के साथ मिलकर वर्ष 2019 में विचार विमर्श करके ‘जल -जीवन -हरियाली अभियान’ की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। इसके अंतर्गत 11 भाग तय किये और इसके चौंकाने वाले परिणाम सामने आ रहे हैं।
Rajiv Ranjan ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत राज्य में 17 हज़ार 561 तालाब, पोखर, आहर-पाइन-(छोटी नहर) आदि को अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है। एक लाख आहर-पइन के साथ ही तालाब का जीर्णोद्धार और सीढ़ी घाट का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा 37 हज़ार 709 कुएं तथा दो लाख 38 हज़ार छोटे कुओं और चापाकल (हैंडपंप) के पास सोखता निर्माण कार्य किया गया है। बारह हज़ार सात सौ अठत्तर चेकडैम और जल संचयन संरचनाओं का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
Rajiv Ranjan राज्य के हरित आवरण में वृद्धि के लिए 14 करोड़ पौधे लगाए गए
उन्होंने बताया कि 64 हज़ार से ज़्यादा नए जल स्रोतों के निर्माण के अतिरिक्त गंगा जल उद्वभव योजना के अंतर्गत पेयजल संकट के इलाक़ों में पेयजल आपूर्ति के लिए बोधगया, गया, राजगीर और नवादा में गंगा जल पहुँचाने के असंभव कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। चौदह हज़ार सात सौ पंद्रह सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है।
अन्य कार्यों का ब्योरा देते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि इसके साथ ही राज्य के हरित आवरण में वृद्धि के लिए 14 करोड़ पौधे लगाए गए। मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम पूरे राज्य में लागू किए गए। सौर ऊर्जा के लिए आठ हज़ार छह सौ बयासी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली जागरूकता समारोह भी आयोजित किए जाते हैं।

