Salaar Movie Review:’सालार’ ने जीता दर्शकों का दिल रिलीज होते ही सिनेमाघरों में धमाल मचा दिया

Salaar Movie Review प्रभास की इस फिल्म में पृथ्वीराज की एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी लेकिन उन्हें देखने के लिए फिल्म में आपको लंबा इंतजार करना…

Salaar Movie Review

Salaar Movie Review प्रभास की इस फिल्म में पृथ्वीराज की एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी लेकिन उन्हें देखने के लिए फिल्म में आपको लंबा इंतजार करना पड़ेगा कहानी नई बिल्कुल नहीं है दो दोस्तों के बीच की कहानी हम सालों से सुनते आ रहे हैं लेकिन कहानी को मिली ट्रीटमेंट के लिए आप ये फिल्म जरूर देख सकते हैं अगर आप केजीएफ फ्रैंचाइजी के फैन होए तो आपको होमब्ले फिल्म की सलार पसंद आएगी लेकिन सलार का वायलेंस देखने के बाद मुझे फिर एक बार डंकी देखनी पड़ेगी

 

 

Salaar Movie Review ये कहानी शुरू होती हैं

दो दोस्तों के खूबसूरत रिश्ते से जो अपने दोस्त के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार है देवा बचपन में ही अपने दोस्त रुद्र से बिछड़ जाता है कहानी लीप के साथ आगे बढ़ती है जहां साल 2017 में आद्या श्रुति हासन अपने पिता कृष्णकांत की जानकारी के बिना न्यूयॉर्क से भारत आ जाती है चूंकि 7 साल पहले आद्या के पिता की गलती की वजह से उसे खानसर के लोगों से खतरा है इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए आद्या को देवा प्रभास के पास लाया जाता है देवा के कहने पर आद्या को उनके साथ असम के एक तिनसुकिया गांव में रखा जाता है

 

Salaar Movie Review अब कहानी आगे बढ़ती है और देवा एक कोयला खदानों में काम करता है

उसकी मां ईश्वरी राव गांव में बच्चों को पढ़ाती है अपने बेटे को लेकर देवा की मां कुछ ज्यादा ही डरी हुई सी रहती है बेटा 6 बजे तक घर नहीं लौटे तो वो थरथराने लगती है अपने बेटे के हाथ में प्लास्टिक का चाकू देख ले तो परेशान हो जाती है आखिर इस डर के पीछे की वजह क्या है ये सवाल फिल्म देखते वक्त आपके जहन में बार बार आएगा देव और रुद्र यानी वरदराज मन्नार की दोस्ती का क्या हुआ इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको थिएटर में जाकर सलार देखनी होगी

 

Salaar Movie Review फिल्म देखकर राइटर्स पर शब्द ज़ाया करने का मन नहीं करता क्योंकि जो कहानी सूत्रधार सुनाता है

वो सुनकर नींद आ जाती है सलार का निर्देशन प्रशांत नील ने किया है केजीएफ के बाद उनसे उम्मीदें कई ज्यादा बढ़ गई थी एक्शन के साथ केजीएफ की ताकत है उसकी कहानी और मां का प्यार एक ऐसी मां जिसने अपने जीवन में बहुत कुछ सहा है और वो चाहती है कि उसका बेटा उसकी तरह जिंदगी ना जिए उसकी इच्छा है

कि जब वो मरे तो कम से कम अमीर बनकर मरे केजीएफ एक कहानी है जिससे हर कोई रिलेट कर पाता है केजीएफ का ये इमोशन सलार में मिसिंग है फिर भी प्रशांत नील ने पूरी कोशिश की है कि वो प्रभास और पृथ्वीराज के टैलेंट को न्याय दे पाएं जिसके लिए उन्हें फुल मार्क्स मिलने चाहिए

 

Salaar Movie Review फिल्म में किरदारों से ज्यादा सूत्रधार बोल रहा है

ज्यादातर महिला किरदार दन्त भींचकर बोलते हुए नजर आ रहे हैं मतलब ऐसे कौन बोलता है उनकी बॉडी लैंग्वेज कई जगह पर बहुत अजीब है प्रभास और पृथ्वीराज को छोड़कर हर किरदार जरुरत से ज्यादा एक्टिंग करता हुआ नजर आता है फर्स्ट हाफ तक फिल्म फिर भी ठीक ठाक है सेकंड हाफ में कहानी गायब हो जाती है

और सिर्फ एक्शन ही नजर आता है प्रभास और पृथ्वीराज जैसे एक्टर के साथ बेहतरीन कहानी सुनाई जा सकती थी खैर जिस तरह से श्रुति हासन को दिखाया गया हैए वो देखकर ऐसे लगता है कि भारत में लडकियां सुरक्षित नहीं हैं या फिर भारत में सिर्फ वो ही लडकियां सुरक्षित हैं जिन्हें दांत भींचकर बोलना आता हो

 

Salaar Movie Review प्रभास ने इस फिल्म को अपनी एक्टिंग से न्याय देने की पूरी कोशिश की है

एक्शन सीन में वो नेचुरल नजर आए हैं बाहुबली के बाद साहो राधे श्याम और अदिपुरुष में साउथ के डार्लिंग कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए इसके बाद अब सलार में उन्होंने दिखा दिया कि अगर सही निर्देशक हो तो प्रभास कमाल कर सकते हैं बिना कहानी की इस फिल्म को संभालने की उन्होंने पूरी कोशिश की है

पृथ्वीराज भी हमेशा की तरह शानदार दिखे हैं पैन इंडिया ऑडियंस ने अब तक उन्हें बतौर हीरो देखा है लेकिन इस फिल्म में उनका किरदार न तो पूरा ब्लैक है न ही पूरा व्हाइट इसके वाबजूद भी हमारी आंखें उन्हें देखने के लिए तरस जाती हैं प्रभास के साथ तुलना की जाए तो इस मलयाली सुपरस्टार को कम स्क्रीन स्पेस मिली है वहीं श्रुति हासन भी सिर्फ कुछ ही समय के लिए फिल्म में हैं

 

Salaar Movie Review जहां बैकग्राउंड म्यूजिक की बात आती है

Salaar Movie Review वहां मुझे साउथ फिल्म इंडस्ट्री का शोरगुल के लिए जुनून समझ में नहीं आता कुछ जगह पर सलार का बैकग्राउंड स्कोर कान से खून निकाल देता है फिल्म का आखिरी गाना और क्लाइमैक्स आपको बाहुबली फिल्म की याद दिलाएगा वहीं दूसरी ओर इस फिल्म में कुछ ज्यादा ही डार्क टोन का इस्तेमाल किया गया है

फ्लैशबैक अगर डार्क टोन में दिखते और प्रेजेंट दिखाने के लिए थोड़े रंगों का इस्तेमाल किया जाता तो और भी मजा आ जाता लेकिन पूरी फिल्म में सिर्फ डार्क टोन का इस्तेमाल किया गया है डार्क सेंट्रिक थीम में बैटमैन देखना अलग बात है लेकिन सलार को देखना अजीब बात है

Salaar Movie Review सिनेमेटोग्राफी कमाल की है इस मामले में ये फिल्म हॉलीवुड की फिल्मों को टक्कर दे सकती है

Salaar Movie Review भुवन गौड़ा इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर हैं जिन्होंने आरआरआर और बाहुबली जैसी फिल्मों पर भी काम किया है इस फिल्म के लिए उन्होंने विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए एरी एलेक्सा कैमरा का इस्तेमाल किया है जिससे कई लाजवाब शॉट्स फिल्म में लिए गए हैं देवा की कोल माइन हो या फिर वरदराज का शहर उनपर बेहतरीन कैमरा वर्क किया गया है

 

Salaar X Review | Prabhas | Prashanth Neel, Prithviraj Sukumaran ||

https://www.imdb.com/title/tt13927994/

 

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